विधु विनोद चोपड़ा ने कश्मीरी पंडितों को दिखाया 'शिकारा' का एक हिस्सा, कहा - दुनिया के सामने आएगा पंडितों का दर्द
विधु विनोद चोपड़ा ने शिकारा का 30 मिनट का हिस्सा मुम्बई के एक थिएटर में असली कश्मीरी पंडितों को दिखाकर उन्हें संबोधित किया.
मुंबई: विधु विनोद चोपड़ा ने 30 साल पहले घाटी में सबकुछ गंवाकर जम्मू कश्नीर को छोड़ने से मजबूर हुए कश्मीरी पंड़ितों के दर्द पर आधारित अपनी फिल्म 'शिकारा' को लेकर एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान निर्माता/निर्देशक विधु ने शिकारा का 30 मिनट का हिस्सा मुम्बई के एक थिएटर में असली कश्मीरी पंडितों को दिखाकर उन्हें संबोधित किया.
विधु ने कहा कि किस तरह से उनके लिए यह फिल्म बनाना बेहद ज़रूरी इसलिए था क्योंकि उन्हें कश्मीरी पीडितों के दर्द को सामने लाना था और दुनिया को यह बताना था कि कश्मीरी पंडितों के साथ क्या कुछ गुजरा. उन्होंने कहा कि तीन दशक पगले भले ही कश्मीरी पंडितों के सामने भले ही बहुत बुरा हुआ हो, लेकिन उन्होंने कभी भी भिखारी की तरह सरकार के सामने भीख नहीं मांगी और आज भी वे अपने ही पैरों पर खड़े हैं, जो कोई छोटी बात नहीं है.
उन्होंने एक बार फिर से इस फिल्म को मां शांति देवी को समर्पित किया और इस बात को दोहराया कि उन्होंने यह फिल्म उन्हीं के लिए बनाई है, जिनका खुद अपना घर भी जम्मू-कश्मीर में लूट लिया गया और तोड़ दिया गया. ऐसे में घाटी में खराब हाल मां 11 साल के अंतराल के बाद ही वहां दोबारा जा पाईं. उन्होंने इस फिल्म में काम करनेवाले तमाम असली कश्मीरी पंडितों का भी शुक्रिया अदा किया और कहा कि उन्होंने एक बार फिर से इस फिल्म के ज़रिए अपने दर्द को जिया है. उन्होंने कहा कि उनके 11 साल की मेहनत आखिरकार रंग जिसे लेकर वे बेहद खुश हैं और वे चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग उनकी इस फिल्म को थिएटर में जाकर देखें.
शिकारा फिल्म के सह-लेखक और विधु विनोद चोपड़ा के खास दोस्त अभिजात जोशी ने कहा कि रिचर्ड एटनबरो को गांधी के जरिए महात्मा गांधी की जिंदगी को पर्दे पर सकार करने के लिए 18 साल से ज्यादा का वक्त लगा, मगर विधु विनोद चोपड़ा ने इस फिल्म को 25 साल से बनाना चाह रहे थे. उन्होंने कहा कि विधु ने अपनी जिंदगी में भले ही कितनी ही फिल्में क्यों न बनाई हों, मगर उनका जन्म 'शिकारा' जैसी उम्दा फिल्म म बनाने के लिए ही हुआ था.
इस फिल्म के गीतकार इरशाद कामिल ने इस फिल्म के गीत लिखने के लिए की गई तमाम मशक्कत और प्रक्रिया पर गौर फरमाते हुए बताया कि किस तरह से विधु ने और बेहतरीन गाने के लिए उन्हें प्रेरित किया.
अंत में विधु विनोद चोपड़ा ने इस फिल्म के नायक आदिल खान और नायिका सादिया को मंच पर बुलाकर उनके अभिनय की तारीफ की. दोनों ने मंच पर आकर इरशाद की लिखी कविता भी सुनाई और वाहवाही बटोरी. विधु ने कहा कि यूं तो उन्होंने अब तक कई प्रतिभाओं को अपनी फिल्मी को मौका दिया, जो बाद में आगे चलकर बड़ी हस्तियां बन ग ईं, लेकिन उन्हें लगता है कि सादिया और आदिल उनकी बेस्ट डिस्कवरी हैं.
इस मौके पर विधु ने फिल्म से जुड़े तमाम अन्य लोगों को भी मंच पर बुलाकर फिल्म के प्रति उनके योगदान की चर्चा की और सभी का शुक्रिया अदा किया.
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