विद्या बालन का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत की विरासत का सम्मान करने का एक ही तरीका है कि हम चुप रहें क्योंकि वह अपना पक्ष रखने के लिए हमारे बीच नहीं है. ‘काय पो छे’, ‘एमएस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी’, ‘छिछोरे’ जैसी फिल्में करने वाले 34 वर्षीय राजपूत का शव 14 जून को उनके मुंबई के बांद्रा स्थित अपार्टमेंट से मिला था.
शुरुआती जांच में मुंबई पुलिस ने बताया कि उन्हें मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. राजपूत की मौत के साथ मानसिक स्वास्थ्य को लेकर शुरू हुई चर्चा अब फिल्म जगत में आरोप-प्रत्यारोप और छींटाकशी के स्तर पर आ गयी है.
इस संबंध में बालन का कहना है कि यह बहुत दुखद है कि राजपूत जैसे विलक्षण व्यक्ति ने ऐसा रास्ता चुना. 41 वर्षीय अभिनेत्री ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘मुझे लगता है कि अगर किसी ने अपनी जीवन लीला समाप्त करने का निर्णय किया और न ही इसका कारण स्पष्ट किया. ऐसे में हमारा कोई हक नहीं बनता कि हम अटकलें लगाएं और उस व्यक्ति के चुनाव का अपमान करें, विशेष रूप से तब जब वह अपनी बात रखने के लिए यहां नहीं है. उन्होंने एक रास्ता चुना, वह बहुत दुखद है, क्योंकि वह विलक्षण थे.’’
वहीं, मुंबई में निर्देशक शेखर कपूर ने कहा है कि अगर उनकी फिल्म ‘पानी’ कभी पूरी हुई तो वह उसे राजपूत को समर्पित करेंगे. यश राज फिल्म के बैनर तले प्रस्तावित इस फिल्म में राजपूत महत्वपूर्ण भूमिका में थे.