मुंबई: फिल्मकार विक्रम भट्ट का कहना है कि पूरा फिल्म उद्योग संजय लीला भंसाली के साथ है, लेकिन सभी असहाय महसूस कर रहे हैं. 'पद्मावती' के सेट पर शुक्रवार को भंसाली के साथ मारपीट की गई थी.


फिल्म का निर्देशन कर रहे भंसाली पर जयपुर में शुक्रवार को फिल्म की शूटिंग के दौरान राजपूत संगठन, श्री राजपूत करणी सेना द्वारा हमला किया गया. प्रदर्शनकारी ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़े-मरोड़े जाने के खिलाफ हैं.


यह पूछे जाने पर कि क्या पूरे फिल्म-उद्योग को एकजुट होना चाहिए? इस पर भट्ट ने कहा, "मुझे लगता है कि संजय लीला भंसाली के साथ पूरा फिल्म उद्योग खड़ा है. जैसे ही मैंने यह खबर सुनी मुझे गुस्सा आ गया."


भट्ट ने अपने चैनल वीबी ऑन वेब के लांच के अवसर पर कहा, "हम सब उनके साथ हैं, लेकिन हमें नहीं पता कि यह सब कैसे रोकेंगे. हम असहाय महसूस कर रहे हैं."


उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, सभी फिल्म निर्माता और रचनात्मक कलाकार कांच के घरों में रहते हैं और उनकी कोई सुरक्षा नहीं है.


उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि वे लोग कौन थे. वे समूह में आते हैं और आप उन्हें पकड़ नहीं सकते. मुझे नहीं पता कि आखिर इसका समाधान क्या है."


फिल्म में रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर जैसे सितारे प्रमुख भूमिकाओं में हैं.


क्यों हो रहा है विरोध?



हंगामा करने वाले संगठन करणी सेना का दावा है कि संजय लीला भंसाली ने अपनी फिल्म पद्मावती में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच एक बेहद आपत्तिजनक सीन डाला है. इस सीन में अलाउद्दीन खिलजी एक सपना देखता है जिसमें वो रानी पद्मावती के साथ है. करणी सेना का दावा है कि वास्तव में खिलजी और पद्मावती ने कभी एक दूसरे को आमने सामने देखा तक नहीं और इतिहास की किसी किताब में भी इस तरह के किसी सपने का कोई जिक्र नहीं है. हालांकि इतिहासकार इरफान हबीब के मुताबिक पद्मावती का किरदार ही काल्पनिक है.


करणी सेना खुद को राजपूतों के हितों का रक्षक बताती है और राजस्थान में काम करती है. करणी सेना का दावा है कि रानी पद्मावती राजपूत थीं और उनकी छवि फिल्म में गलत तरीके से दिखाई गई इसलिए उसने प्रदर्शन किया.