Vikram Unknown Facts: साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सबसे प्रतिभाशाली अभिनेताओं में विक्रम का नाम जरूर शामिल किया जाता है. उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक किरदार निभाए. केवल दक्षिण भारत ही नहीं, बल्कि हिंदी पट्टी में भी उनकी तगड़ी फैन फॉलोइंग है. लोगों को उनकी फिल्मों का बेसब्री से इंतजार रहता है. आज हम आपको अभिनेता के जन्मदिन पर उनसे जुड़ी खास बातों से रूबरू करा रहे हैं.


अपरिचित से मिली पहचान


विक्रम का जन्म साल 1966 के दौरान तमिलनाडु में हुआ था. उनका असली नाम कैनेडी जॉन विक्टर है. अभिनेता ने अपने फिल्मी करियर में कई सुपरहिट फिल्में दीं. हालांकि, उत्तर भारत में उन्हें असली पहचान फिल्म 'अन्नियन' से मिली. इस फिल्म को हिंदी में 'अपरिचित' के नाम से साल 2005 के दौरान रिलीज किया गया था. फिल्म में विक्रम लीड रोल में नजर आए थे. उन्होंने अपनी अदाकारी से लोगों के दिलों में खास जगह बना ली. आज भी उन्हें इसी फिल्म के लिए जाना जाता है. विक्रम लीक से हटकर किरदार निभाने के लिए काफी मशहूर हैं. यही वजह है कि उन्हें एक्टिंग का इंस्टिट्यूट भी कहा जाता है.


संघर्ष के बाद मिली सफलता


एक्टिंग के शिखर तक पहुंचने से पहले विक्रम ने काफी संघर्ष किया. फिल्मों में काम की तलाश में परमक्कुड़ी से चेन्नई पहुंचे विक्रम को शुरुआत में केवल सहायक भूमिकाएं ही मिलती थीं. आपको जानकर हैरानी होगी कि सुपरस्टार अजित और विक्रम का फिल्मी सफर 'अमरावती' से शुरू हुआ था. अजित इस फिल्म से एक्टिंग डेब्यू कर रहे थे. वहीं, विक्रम ने डबिंग आर्टिस्ट के रूप में करियर की शुरुआत की थी. अजित के अलावा प्रभुदेवा, अब्बास और विनीत जैसे सितारों के लिए भी वह डबिंग आर्टिस्ट के रूप में काम कर चुके हैं. फिल्मों के प्रति उनकी दीवानगी का अंदाजा इस बात से  लगाया जा सकता है कि वह डबिंग से साथ छोटे-छोटे रोल निभाने से भी पीछे नहीं हटते थे.


साथ-साथ मिले खुशी और गम


एक्टिंग का शौक उन्हें बचपन से ही था. स्कूल खत्म होने के बाद वह लोयोला कॉलेज की ड्रामा सोसायटी में शामिल हो गए और अन्य कॉलेजों में परफॉर्म करने लगे. एक बार विक्रम का प्ले 'ब्लैक कॉमेडी' आईआईटी मद्रास में हुआ. प्ले में उनकी एक्टिंग को काफी सराहा गया. इसके लिए उन्हें अवॉर्ड भी दिया गया. हालांकि, उसी रात यह खुशी मातम में बदल गई. दरअसल, बाइक से लौटते समय ट्रक से उनका भयंकर एक्सीडेंट हो गया. बात पैर काटने तक पर पहुंच गई, लेकिन उनकी मां ने इससे साफ इनकार कर दिया. उनके पैर को बचाने के लिए डॉक्टरों को 23 बार सर्जरी करनी पड़ी.


साल 1999 में बदली किस्मत
हादसे से उबरने के बाद उन्होंने दोबारा एक्टिंग शुरू की, लेकिन खास सफलता हासिल नहीं हुई. साल 1999 उनके करियर के लिए काफी अहम साबित हुआ. 'सेतु' में अपनी एक्टिंग से उन्होंने लोगों के दिलों को जीत लिया. इस फिल्म के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2003 में रिलीज हुई फिल्म 'सूर्या' के  लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया. इसके अलावा विक्रम 'आई', 'कोबरा' और 'पीएस-1' जैसी फिल्मों में भी अपनी एक्टिंग का जादू दिखा चुके हैं. वह जल्द ही मणिरत्नम की फिल्म पीएस-2 में नजर आने वाले हैं. लोगों को इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार है.


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