Vineet Kumar Singh Unknown Facts: वह स्कूल के दिनों में बास्केटबॉल इतनी अच्छी तरह खेलते थे कि लोगों को उनका करियर इस खेल में ही नजर आता था. इसके बाद उन्होंने आयुर्वेद में एमडी की डिग्री ली और डॉक्टर बन गए. बस एक दिन उनके एक्टिंग के पैशन ने इस कदर जोर मारा कि उन्होंने डॉक्टरी का पेशा छोड़ दिया. बात हो रही है विनीत कुमार सिंह की, जिनका आज बर्थडे है. बर्थडे स्पेशल में हम आपको उनकी जिंदगी के चंद किस्सों से रूबरू करा रहे हैं.
एक्टिंग की दुनिया में ऐसे हुई एंट्री
24 अगस्त 1981 के दिन वाराणसी से ताल्लुक रखने वाले राजपूत परिवार में जन्मे विनीत कुमार सिंह आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं, लेकिन इस मुकाम को हासिल करने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. विनीत के पिता जाने-माने गणितज्ञ हैं. विनीत ने खुद सीपीएमटी की परीक्षा के बाद आयुर्वेद डिग्री हासिल की. साथ ही, ग्रैजुएशन के बाद एमडी भी किया, लेकिन मेडिकल प्रैक्टिस की जगह अभिनय की दुनिया में हाथ आजमाने के लिए सिनेमा के मैदान में उतर गए.
ऐसे शुरू हुआ विनीत का करियर
एक्टिंग की दुनिया में हाथ आजमाने के लिए विनीत ने मुंबई का रुख कर लिया और सुपरस्टार टैलेंट हंट से जुड़ गए. इस शो के जज एक्टर-डायरेक्टर महेश मांजरेकर थे, जो विनीत की परफॉर्मेंस से खासे प्रभावित हुए और उन्हें संजय दत्त स्टारर फिल्म पिता में अहम किरदार दे दिया. हालांकि, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कामयाब नहीं रही, जिसके चलते विनीत का करियर थम-सा गया. हालांकि, वह महेश मांजरेकर के साथ जुड़े रहे और विरुद्ध व देह आदि फिल्मों में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम भी किया.
इस फिल्म ने विनीत को दिलाई पहचान
एक्टिंग का पैशन रखने वाले विनीत ने भोजपुरी सिनेमा में भी हाथ आजमाया. इसके बाद उन्हें सिटी ऑफ गोल्ड और गैंग्स ऑफ वासेपुर में काम करने का मौका मिला, जिसके बाद विनीत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वहीं, साल 2018 के दौरान उन्होंने फिल्म मुक्काबाज में लीड किरदार निभाकर वह पहचान हासिल कर ली, जिसके वह तलबगार थे. बतौर एक्टर विनीत कुमार ने गोल्ड, सांड की आंख, आधार, गुंजन सक्सेना: द करगिल गर्ल आदि फिल्मों में भी अपनी अदाकारी का जलवा दिखाया.