नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता फिरोज़ खान और विनोद खन्ना की दोस्ती जगज़ाहिर थी. गुज़रे ज़माने के ये दो दिवंगत सितारे एक दूसरे के बेहद करीब थे. शायद इनकी गहरी दोस्ती ही वो वजह थी, जो इन दोनों सितारों ने एक ही तारीख पर दम तोड़ा, हालांकि दोनों के दुनिया छोड़कर जाने का साल अलग अलग है. फिरोज खान 27 अप्रैल 2009 को इस दुनिया से गुज़रे वहीं, विनोद खन्ना का निधन 27 अप्रैल 2017 को हुआ.


एक और डोर जो इन दोनों दोस्तों को जोड़ती है वो ये कि दोनों की मौत की वजह भी लगभग एक रही. दोनों ही सितारों की मौत कैंसर की वजह से हुई. बता दें कि फिरोज को लंग कैंसर, विनोद को ब्लैडर कैंसर हुआ था.


दोनों ने एक साथ बड़े परदे पर फिल्म 'शंकर शंभु' में काम किया था. साल 1976 में आई ये फिल्म हिट रही थी और फिरोज़ खान और विनोद खन्ना की जोड़ी लोगों का फेवरेट जोड़ियों में से एक बन गई थी. इस फिल्म से जो दोस्ती शुरू हुई वो ताउम्र रही. साल 1980 में फिल्म 'कुर्बानी' में भी दोनों सितारे साथ नज़र आए थे.


जिस वक्त विनोद खन्ना अपने करियर में टॉप पर थे, उसी वक्त वो आध्यात्म की ओर मुड़ गए. फिरोज़ खान उस दौरान विनोद खन्ना को अपनी प्रोडक्शन में बन रही फिल्म 'जांबाज़' में लेना चाहते थे, लेकिन विनोद खन्ना ओशो से काफी प्रभावित थे, इसीलिए वो उनके आश्रम चले गए और वहां माली का काम करने लगे.


हालांकि विनोद खन्ना करीब 6 साल तक ओशो के आश्रम में रहने के बाद एक दिन फिर मुंबई लौट आए और फिल्मों में काम तलाशना शुरू कर दिया. जब वो कमैबक की कोशिश कर रहे थे तो फिरोज़ खान ने ही उनकी मदद की. फिरोज़ खान ने अपनी फिल्म 'दयावान' से विनोद खन्ना को कमबैक करने का मौका दिया. साल 1988 में आई इस फिल्म में विनोद खन्ना और माधुरी दीक्षित साथ में नज़र आए थे.


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