(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Vinod Khanna Birth Anniversary: नेगेटिव किरदार निभाकर पॉजिटिव बने थे विनोद खन्ना, छह साल तक छिपाकर रखा था यह राज
Vinod Khanna Birth Anniversary: वह सिनेमा की दुनिया के उन अभिनेताओं में शुमर हैं, जो पहले विलेन बने और बाद में हीरो. बात हो रही है विनोद खन्ना की, जिन्होंने आज ही के दिन इस दुनिया में पहला कदम रखा था.
Vinod Khanna Unknown Facts: 6 अक्टूबर 1946 के दिन ब्रिटिश भारत के पेशावर (अब पाकिस्तान का हिस्सा) में जन्मे विनोद खन्ना भले ही इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी फैंस के दिलों में जिंदा हैं. विनोद के पिता किशनचंद खन्ना पेशावर के नामी कारोबारी थे, लेकिन देश का बंटवारा होने के चलते वह पेशावर छोड़कर मुंबई आ गए. बर्थ एनिवर्सरी स्पेशल में हम आपको विनोद खन्ना की जिंदगी के चंद किस्सों से रूबरू करा रहे हैं.
ऐसे गुजरा विनोद खन्ना का बचपन
विनोद खन्ना की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई मुंबई में हुई. इसके बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया और विनोद खन्ना की स्कूलिंग दिल्ली में पूरी हुई. 1960 के दौरान खन्ना परिवार दोबारा मुंबई पहुंच गया. ऐसे में विनोद खन्ना ने ग्रैजुएशन मुंबई स्थित सिडेनहैम कॉलेज से किया. पढ़ाई के दौरान विनोद खन्ना ने सोलहवां साल और मुगल-ए-आजम फिल्में देखीं और अपना करियर बॉलीवुड में बनाने का फैसला कर लिया.
नेगेटिव किरदारों से बनी पॉजिटिव पहचान
अपने आकर्षक लुक्स की वजह से विनोद खन्ना को फिल्म मन के मीत में विलेन का किरदार निभाने का मौका मिला. इसके बाद वह पूरब और पश्चिम, सच्चा झूठा, आन मिलो सजना, मस्ताना और मेरा गांव मेरा देश आदि फिल्मों में नेगेटिव किरदारों में नजर आए. हालांकि, फिल्म हम, तुम और वो में हीरो बनकर वह हर किसी के दिल पर छा गए. इसके बाद तो विनोद खन्ना ने हर किरदार में जान फूंक दी और लोगों को अपना मुरीद बना लिया.
एक्टिंग की दुनिया से बनाई थी दूरी
जब विनोद खन्ना अपने करियर के पीक पर थे, उस दौरान उन्होंने एक्टिंग की दुनिया को अलविदा कह दिया था, क्योंकि उनका रुख आध्यात्म की तरफ हो गया था. दरअसल, वह ओशो से जुड़ गए थे और उनके अमेरिका स्थित आश्रम में रहने लगे थे. बता दें कि 1997 के दौरान विनोद खन्ना ने राजनीति की तरफ रुख किया. उन्होंने भाजपा के टिकट पर पंजाब की गुरदारपुर सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. विनोद को इस सीट पर 2009 के दौरान हार मिली, जबकि 2014 में वह एक बार फिर जीते थे.
छह साल तक छिपाया था यह राज
27 अप्रैल 2017 के दिन विनोद खन्ना इस दुनिया को अलविदा कह गए थे. वह कैंसर से पीड़ित थे. काफी कम लोग यह बात जानते थे कि विनोद खन्ना को कैंसर था. उन्होंने करीब छह साल तक यह बात हर किसी से छिपाकर रखी थी. हालांकि, इसका खुलासा भी उन्होंने खुद किया था. उन्होंने गुरदासपुर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खुद को कैंसर होने की जानकारी दी थी.
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