Vinod Khanna Death Anniversary: विनोद खन्ना (Vinod Khanna) अपने जमाने के सुपरस्टार थे. एक समय उन्होंने अमिताभ बच्चन की चमक को भी फीका कर दिया था. एक के बाद एक कई सुपरहिट फिल्में देने वाले विनोद खन्ना के जीवन में सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन उन्हें मानसिक संतुष्टि नहीं मिल पा रही थी. अभिनेता ने आज ही के दिन 27 अप्रैल को दुनिया को अलविदा कह दिया था. विनोद खन्ना अपनी मां के बेहद करीब थे. उनके निधन के बाद अभिनेता पूरी तरह से टूट गए थे. एक समय वो भी आया जब उन्होंने अपना भरापुरा परिवार छोड़ ओसो की शरण ले ली.
मां के निधन से टूट गए थे विनोद खन्ना
बता दें, विनोद खन्ना अपने करियर के पीक पर थे, तभी उनकी मां का निधन हो गया. इस गम ने उन्हें पूरी तरह से तोड़कर रख दिया. विनोद खन्ना धीरे-धीरे इंडस्ट्री से कटने लगे और फिर परिवार छोड़ अमेरिका ओसो की शरण में चले गए. विनोद अभिनेता से सन्यासी बन गए. बचपन में जिससे मोहब्बत की विनोद खन्ना ने हमसफर उसी को बनाया. गीतांजलि से उन्होंने शादी रचाई और दोनों के दो बच्चे अक्षय खन्ना और राहुल खन्ना हुए. कहा जाता है कि गीतांजलि से अलग होने की वजह विनोद खन्ना का सन्यासी होना ही था.
सन्यासी बन छोड़ दिया था अपना परिवार
गीतांजलि, विनोद खन्ना को वापस आने के लिए अपने प्यार की दुहाई देती थीं. दोनों छोटे-छोटे बच्चों का भी रोना उनके आगे रोती थीं लेकिन विनोद खन्ना वापसी के लिए तैयार नहीं हुए. लग्जरी लाइफ जीने वाले विनोद खन्ना वहां रहकर माली से लेकर टॉयलेट साफ करने का काम किया, जिसमें उन्हें संतुष्टि मिलती थी. पांच साल यहां बिताने के बाद जब वो भारत लौटे तो गीतांजलि से उनका तलाक हो गया. विनोद खन्ना ने एक बार फिर से अपनी जिंदगी शुरू करने की कोशिश की और एक बार फिर से अपना घर बसाया.
राजनीति में भी हासिल की सफलता
विनोद खन्ना ने साल 1990 में कविता से दूसरी शादी कर ली. दोनों की एक बेटी और बेटा हुआ. अभिनेता ने राजनीति में भी सफल पारी खेली. 1997 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की. अभिनेता लंबे समय तक सांसद भी रहे.
हीरो बनने से पहले निभाई विलेन की भूमिका
विनोद खन्ना ने 1968 में 'मन का मीत' से बॉलीवुड में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद 'आन मिलो सजना', 'पूरब और पश्चिम', 'मेरा गांव मेरा देश', 'सच्चा झूठा' और 'मस्ताना' जैसी कई फिल्मों में उन्होंने नेगेटिव रोल प्ले किया. 1971 में 'हम तुम और वो' में विनोद खन्ना ने बतौर मुख्य अभिनेता के तौर पर काम किया. इस फिल्म के बाद एक हीरो के तौर पर उनकी किस्मत चमक गई.
6 साल परिवार से छुपा कर रखी बीमारी
27 अप्रैल 2017 को विनोद खन्ना को ब्लड कैंसर की वजह से दुनिया को अलविदा कह दिया. अभिनेता ने काफी समय तक अपनी बीमारी को परिवार से छुपाकर रखा. छह साल तक जर्मनी में उनका इलाज चला और सर्जरी भी की गई, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.
ये भी पढ़ें: