अयोध्या को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब एक राम मंदिर को बनाए जाने को लेकर कई खबरें सामने आ रही हैं. इसी क्रम में अब ये खबर भी सामने आ रही है कि इस मंदिर का निर्माण हिंदुओं के चंदे से होगा.


विश्व हिंदू परिषद के सूत्रों के मुताबिक राम मंदिर का निर्माण हिंदुओं के चंदे से होगा सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए पैसा नहीं खर्च करेगी जैसे सोमनाथ में मंदिर का निर्माण हिंदुओं के चंदे से किया गया था वैसे ही राम मंदिर का निर्माण भी लोगों से जुटाए गए चंदे से किया जाएगा.


दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये कहा था कि राम मंदिर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार को तीन महीनों के भीतर एक ट्रस्ट बनाना है और मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केंद्र सरकार इन तीन महीनों में राम मंदिर को लेकर एक रोडमैप तैयार करे. इसी के चलते अब विश्व हिंदू परिषद की ओर से मंदिर निर्माण को लेकर चंदे वाली बात सामने आ रही है.


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इसके अलावा विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार का भी बयान सामने आया है. उन्होंने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. साथ ही सबसे शांति बनाए रखने की भी अपील की है. आलोक कुमार ने कहा,'' आज अत्यंत प्रसन्नता का दिन है. आज कई सालों के युद्ध और संघर्ष के बाद यह फैसला आया है.'' उन्होंने आगे कहा,'' हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. कोर्ट ने माना है कि मस्जिद के नीचे एक बड़ी संरचना थी. ASI ने उसे 12 सदी का मंदिर बताया. मस्जिद को जो जमीन मिला है वह विशेष कानून के मुताबिक मिला है.''


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एक साल में शुरू होगा मंदिर निर्माण


आरएसएस के सूत्रों के मुताबिक, एक साल के भीतर राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा. जहां अभी रामलला विराजमान है, उसी चबूतरे पर मंदिर का गर्भ ग्रह का निर्माण होगा. 3 महीने बाद जब ट्रस्ट बन जाएगा, उसके बाद सभी की सहमति से अगले साल शुभ मुहूर्त में मंदिर का निर्माण शुरू होगा. ऐसे चार शुभ मुहूर्त हैं, जब मंदिर का निर्माण शुरू किया जा सकता है.