'सेम सेक्स मैरिज जरूरत है, क्राइम नहीं', Vivek Agnihotri ने समलैंगिक विवाह के समर्थन में दिया बड़ा बयान
Vivek Agnihotri: फिल्म मेकर विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट कर समलैंगिक विवाह का पक्ष लिया है. उन्होने अपने ट्वीट में लिखा है कि ये एक जरूरत और अधिकार है. ये क्राइम नहीं है.
Vivek Agnihotri On Same Sex Marriage: ‘द कश्मीर फाइल्स’ डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं. वे सोशल मीडिया पर अक्सर अपने ट्वीट से तहलका मचाए रहते हैं. फिलहाल डायरेक्टर ने समलैंगिक विवाह के समर्थन में ट्वीट किया है और लिखा है कि ये जरूरत है कोई क्राइम नही है.
समलैंगिक विवाह के पक्ष में विवेक ने किया ट्वीट
फिल्म मेकर ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की एक एप्लीकेशन को लेकर ट्वीट पर रिएक्शन दिया है जिसमें कहा गया था कि समलैंगिक विवाह एक शहरी अभिजात्य अवधारणा है. विवेक अग्निहोत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, “नहीं. सेम सेक्स मैरिज एक 'शहरी संभ्रांतवादी' अवधारणा नहीं है. यह एक मानवीय जरूरत है. हो सकता है कि कुछ सरकारी एलीट्स ने इसका ड्राफ्ट तैयार किया हो. जिन्होंने कभी छोटे शहरों और गांवों में यात्रा नहीं की हो. या मुंबई की लोकल में ट्रैवल नहीं किया हो. सबसे पहले, समलैंगिक विवाह एक अवधारणा नहीं है. यह एक जरूरत है. यह एक अधिकार है, और भारत जैसी प्रगतिशील, उदार और समावेशी सभ्यता में समलैंगिक विवाह सामान्य होना चाहिए, क्राइम नहीं.”
NO. Same sex marriage is not an ‘urban elitist’ concept. It’s a human need. Maybe some sarkari elites drafted it who have never travelled in small towns & villages. Or Mumbai locals.
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) April 18, 2023
First, same sex marriage is not a concept. It’s a need. It’s a right.
And in a progressive,… https://t.co/M4S3o5InXI
फिल्म मेकर हंसल मेहता ने भी समलैंगिक विवाह का किया समर्थन
फिल्म मेकर हंसल मेहता ने भी मॉडर्न लव: मुंबई से एक स्टिल शेयर किया और ट्वीट किया, " कम ऑन सुप्रीम कोर्ट! मार्ग प्रशस्त करो. समलैंगिक विवाह को वैध बनाओ." फिल्म निर्माता ने 2022 एंथोलॉजी सीरीज के एक एपिसोड के लिए शॉट्स का निर्देशन किया था, जिसमें एक समलैंगिक जोड़े की प्रेम कहानी दिखाई गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की एप्लिकेशन पर सुनवाई
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की एक कॉन्स्टीट्यूशन बेंच जिसमें भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, एस रवींद्र भट, पीएस नरसिम्हा और हेमा कोहली शामिल हैं, समलैंगिक विवाह सोशल एक्सेप्टेंस के बारे में उनके व्यूज के बारे में केंद्र के आवेदन पर सुनवाई करेंगे.
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