फिल्म- वॉर
स्टारकास्ट- ऋतिक रोशन, टाइगर श्रॉफ, वाणी कपूर
डायरेक्टर- सिद्धार्थ आनंद
रेटिंग: ***


War Movie Review: फिल्म में दर्शक का हमेशा एक साइड होता है. वो हीरो के साथ होता है और विलेन से नफरत करता है. लेकिन जब आपके दोनों हीरो ही एक दूसरे से 'वॉर' करें तो फिर आप किधर होंगे. कुछ पिटने वाले से हमदर्दी दिखाएंगे तो कुछ पीटने वाले से प्यार...'वॉर' के  मे कर्स ने दर्शकों की इसी नब्ज को पकड़ा है. फिल्म में फोकस कहानी पर नहीं बल्कि सिर्फ एक्शन पर है. लेकिन दर्शक इसी कहानी में खुद को कभी इधर तो कभी उधर ढूढता है. इसी वजह से फिल्म की कहानी कुछ खास ना होते हुए भी ये 'वॉर' शानदार लगती है.


सालों समय बाद कोई ऐसी फिल्म आई है जिसमें बॉलीवुड के दो बड़े दिग्गज एक्शन स्टार्स बराबर स्क्रीन शेयर करते दिखे हैं. मेकर्स का दावा था कि हिंदी सिनेमा में दर्शकों ने ऐसा एक्शन नहीं देखा होगा और ये फिल्म अपने इस वादे पर खरी उतरती है. ऋतिक और टाइगर की जोड़ी कमाल की है. चाहें डांस की बात हो या फिर एक्शन दृश्यों की ये दोनों सितारे एक दूसरे से कहीं भी कमतर नहीं लगे हैं. अगर आप भी फिल्म देखने की सोच रहे हैं तो आइए जानते हैं कि इस फिल्म में आपको लिए क्या खास है-


कहानी


जैसा की बाकी हिंदी फिल्मों में होता है. यहा भी वही कहानी है. देश को बचाने की जिम्मेदारी इन्हीं दोनों एक्टर्स के कंधे पर है. एजेंट कबीर (ऋतिक रोशन) को पता चलता है कि देश पर बड़ा आंतकी हमला होने वाला है. वो मिशन पर जाता है लेकिन वहां अचानकर कुछ ऐसा पता चलता है जिसकी वजह से वो अपने ही लोगों का दुश्मन बन जाता है. उसके बाद खालिद (टाइगर श्रॉफ) को ये मिशन दिया जाता है कि वो कबीर को मार दे. इसके बाद ही शुरु होता है दोनों के बीच वॉर. ऐसी क्या वजह है जो कबीर अपने ही लोगों को मारने पर उतारु हो गया है? क्या खिलाद अपने मिशन में कामयाब हो पाता है. यही क्लाइमैक्स और कहानी है.


एक्टिंग


इससे पहले 'सुपर 30' में ऋतिक रोशन का डी-ग्लैम अवतार दिखाई दिया था लेकिन सच यही है कि ऋतिक एक्शन फिल्मों के लिए बने है. इस फिल्म में ऋतिक पूरे फॉर्म में हैं. फिल्म में ऋतिक के ऐसे बहुत सारे एक्शन सीन्स हैं जिन्हें देखकर आप दिल थाम लेंगे. हिंदी सिनेमा ने एक एजेंट की छवि दर्शकों के मन में ऐसी ही बनाई है कि जिसकी बॉडी अच्छी हो, वो 20-40 लोगों को एक साथ मारकर गिरा सके, वो कहीं भी सुपरमैन जैसे पहुंच जाए और कभी-कभी शर्टलेस हो तो देखकर लोगों की आहें निकल जाएं... और इस मामले में ऋतिक फिल्म में बिल्कुल परफेक्ट हैं.



वहीं, टाइगर श्रॉफ को लेकर हमेशा ये चर्चा रहती है कि वो एक्शन के मामले में ऋतिक के नक्शेकदम पर चल रहे हैं. इस फिल्म को लेकर दिलचस्पी इसीलिए बढ़ गई थीं क्योंकि जब दो एक्शन स्टार्स एक साथ आएंगे तो क्या होगा. टाइगर कहीं भी फिल्म में ऋतिक से कमतर नहीं लगे हैं. इस फिल्म में एक्शन के साथ उनकी पर्सनैलिटी के कई शेड्स देखने को मिला है. ऋतिक के साथ उनकी जोड़ी दमदार है. दोनों जब एक साथ पर्दे पर आते हैं तो लगता है मजा आ जाता है.


इसमें वाणी कपूर भी हैं. उनका रोल काफी छोटा है. फिल्म में उनके हिस्से एक गाना आया है 'घुंघरू टूट गए'. उनके पास इस फिल्म में करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है. यहां तक कि फिल्म खत्म होने के बाद उनका रोल याद भी नहीं रहता.


डायरेक्शन


इसे सिद्धार्थ आनंद ने डायरेक्ट किया है. फिल्म की कहानी आदित्य चोपड़ा के साथ मिलकर सिद्धार्थ आनंद ने ही लिखी है. इसमें कोई शक नहीं कि एक्शन सीक्वेंस काफी शानदार हैं. उन्हें फिल्माने में जो मेहनत की गई है वो पर्दे पर भव्य नज़र भी आता है. लेकिन कुछ कमियां भी हैं जो खलती हैं. ये फिल्म करीब 2 घंटे 36 मिनट की है. इसमें कहानी कई जगह बहुत ढ़ीली लगती है. ऐसा लगता है कि जाना कहीं और है लेकिन डायरेक्टर ने शॉर्ट कट की बजाय लंबा रास्ता चुन लिया है. फिल्म बुहत लाउड है. फिल्म में जो जो गाने हैं उनकी कोई जरूरत नहीं लगती. लेकिन चुकि हिंदी सिनेमा ने अपना ये परंपरागत ढर्रा बना लिया है कि फिल्म में गाना जरुर रखेंगे.



इन दिनों वन लाइनर डायलॉग्स की चलन है लेकिन इस फिल्म में ऐसा एक डायलॉग भी नहीं है. जो हैं वो बहुत भारी भरकम हैं. जैसे 'आदमी पहाड़ से टकरा सकता है लेकिन परवरिश से नहीं.'


क्यों देखें/ना देखें


पिछले दिनों साल की सबसे बड़ी एक्शन फिल्म का दावा 'साहो' के मेकर्स ने किया. 'बाहुबली' के बाद प्रभाष की इस फिल्म को दर्शक बर्दाश्त नहीं कर पाए. ऐसे में ऋतिक और टाइगर की ये जोड़ी आपके पिछले दर्द पर मरहम लगाने आई है. ये दोनों इसमें कमाल के है. ये जब भी साथ आते हैं तो दिल जीत लेते हैं, तो अगर आपको एक्शन फिल्में पसंद हैं तो वाकई आप इसे मिस ना करें. लेकिन अगर आप एक्शन नहीं देखते तो बिल्कुल भी ट्राई ना करें, ये फिल्म बहुत लाउड है. आपको पसंद नहीं आएगी.