लंबे समय तक गांधी परिवार के प्रति निष्ठावान रहे पंकज शंकर ने पार्टी के प्रदर्शन में गिरावट के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा है और वह राहुल गांधी की कथित ‘विफलताओं’ को रेखांकित करने के लिए एक वेब सीरीज का निर्माण कर रहे हैं.
पूर्व पत्रकार पंकज शंकर का कांग्रेस और गांधी परिवार के साथ वर्षों का जुड़ाव रहा है. उन्होंने कहा कि केवल प्रियंका गांधी वाड्रा ही कांग्रेस के भाग्य को बदल सकती हैं लेकिन सोनिया गांधी का ‘पुत्र मोह’ कांग्रेस में उनकी बेटी के उन्नयन में बाधा बन रहा है.
शंकर ने कहा, ‘‘वेब सीरीज निर्माण करना कांग्रेस नेतृत्व को आईना दिखाने का मेरा एक प्रयास है, ताकि मैं उन्हें बताऊं कि वास्तविकता उनकी समझ से बहुत दूर है.’’ शंकर ने हाल के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए मीडिया गतिविधियों के प्रबंधन का काम किया था और वह उनके कार्यक्रमों को लेकर एक व्हाट्सअप ग्रुप भी चलाते हैं.
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कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शंकर ने न तो सोनिया गांधी और न ही प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए कभी काम किया है. सुरजेवाला ने कहा कि वह प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ भी नहीं जुड़े रहे हैं और वह उनके कार्यालय में भी नहीं हैं.
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उन्होंने व्यक्तिगत क्षमता में कुछ कहा है. यह देखना होगा कि क्या उन्होंने यह सुर्खियों के लिए किया है, भाजपा सरकार के साथ मिलकर किया है या प्रचार के लिए किया है.’’ शंकर ने कहा कि वह 2004 से 2019 तक कांग्रेस में राहुल गांधी के 15 वर्षों के दौरान की ‘‘कमियों’’ को उजागर करने के लिए 13 कड़ियों वाली एक वेब सीरीज पर काम कर रहे हैं.
शंकर ने रविवार को पीटीआई को बताया कि सीरीज का निर्माण अगले पखवाड़े से शुरू होगा और यह तीन महीने में प्रीमियम वेब चैनलों पर प्रसारित होने के लिए तैयार हो जाएगा. उन्होंने बताया कि इस वेब सीरीज में पेशेवर कलाकार अभिनय करते नजर आएंगे.
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उन्होंने कहा कि सीरीज को एक ‘बायोपिक’ में तब्दील किया जा सकता है. हालांकि उन्होंने इस संबंध में विस्तार नहीं बताया. शंकर ने कहा, ‘‘वेब सीरीज कांग्रेस से संबंधित सवाल करेगी. इसमें वे बातें और घटनाएं भी शामिल होंगी जिनसे उन लोगों की भूमिका सामने आएगी जिन्होंने पार्टी को इस स्थिति में पहुंचाया है.’’
शंकर ने कहा कि उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए व्यंग्य और हास्य का सहारा लिया है. उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक किसी ने भी गांधी परिवार को आईना नहीं दिखाया है.’’ शंकर ने कहा कि मजबूत विपक्ष समय की मांग है और केवल कांग्रेस ही भाजपा के खिलाफ खड़ी हो सकती है.
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि हालांकि ‘‘कांग्रेस में हर किसी का मानना है कि प्रियंका चीजों को बदल सकती हैं लेकिन उन्हें मुख्य भूमिका निभाने से रोका जा रहा है.’’
शंकर ने कहा, ‘‘नेतृत्व की भूमिका प्रियंका गांधी वाड्रा को सौंपी जा सकती थी जिनके पास पार्टी में जान फूंकने और उसे वर्तमान स्थिति से बाहर निकालने के लिए व्यक्तित्व और क्षमता भी है लेकिन राहुल ऐसा होने नहीं दे रहे हैं. सोनिया गांधी का पुत्र मोह एक बड़ी बाधा है.’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस बदलते समय के साथ खुद को बदलने में विफल रही है और वह इसकी ‘‘कीमत चुका रही है.’’ शंकर ने कहा कि एक रचनात्मक व्यक्ति होने के चलते वह पार्टी नेतृत्व तक अपनी बात इसी माध्यम से पहुंचा सकते हैं. सीरीज इस बात पर प्रकाश डालेगी कि कैसे कांग्रेस नेताओं ने आम आदमी की आवाज और पार्टी से सहानुभूति रखने वालों की बातों को ‘‘नजरंदाज’’ किया. शंकर वृत्तचित्र फिल्म निर्माता रहे हैं.
उन्होंने बताया कि यह सीरीज तीन किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है. इसमें राहुल गांधी की एक कट्टर महिला प्रशंसक जिसने उन्हें उनकी कमियों को बताने और सुझाव देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है, एक महिला रिपोर्टर जो पार्टी से सहानुभूति रखने वाली भी है तथा एक एक टीवी रिपोर्टर जो प्रमुख घटनाओं का वर्णन करता है.