Sonali Kulkarni Love Story: सोनाली की पहली मोहब्बत नहीं हुई थी मुकम्मल, फिर इस शख्स को बनाया अपना हमसफर
Sonali Kulkarni: इश्क की गली ऐसी दुनिया है, हर कोई पहली बार में मंजिल हासिल नहीं कर पाता. कुछ ऐसा ही हाल सोनाली कुलकर्णी का भी रहा.
Sonali Kulkarni Unknown Facts: बेहद कम उम्र में कामयाबी का स्वाद चखने वाली सोनाली कुलकर्णी की जिंदगी सपने सरीखी रही है. आज की तारीख में लोग उनकी मिसाल देते हैं और उनके नक्शे-कदम पर चलने के बारे में सोचते हैं. हालांकि, सोनाली की जिंदगी हमेशा ऐसी नहीं थी. उन्होंने अपनी पर्सनल जिंदगी में काफी संघर्ष किया. दरअसल, आज सोनाली की मैरिज एनिवर्सरी है. ऐसे में हम आपको उनकी लव लाइफ से रूबरू करा रहे हैं.
18 साल की उम्र में शुरू हुआ करियर
महाराष्ट्र के पुणे में 18 मई 1974 के दिन एक सितारे ने जन्म लिया, जिसका नाम सोनाली रखा गया. इस सितारे ने महज 18 साल की उम्र में ही फिल्मी सफर की शुरुआत कर दी थी, लेकिन उससे पहले अपनी पढ़ाई का हवाला देकर फिल्मी दुनिया में आने से इनकार भी कर दिया था. दरअसल, यह गिरीश कर्नाड की कन्नड़ फिल्म चेलुवी थी, जिसमें वह सोनाली को एक्ट्रेस बनाना चाहते थे. हालांकि, गिरीश के मनाने पर सोनाली मान गई थीं.
इन भाषाओं में भी दिखाई काबिलियत
कन्नड़, मराठी, गुजराती और तमिल फिल्मों के साथ-साथ सोनाली ने हिंदी फिल्मों में भी अपनी अदाकारी का जलवा दिखाया. उन्होंने उन्होंने अमोल पालेकर की फिल्म दायरा से बॉलीवुड डेब्यू किया था, जिसके बाद वह घर-घर में छा गईं. उनका मानना है कि भाषा से कोई फर्क नहीं पड़ता. असली खेल किरदार का होता है.
पहली दफा में मुकम्मल नहीं हुआ इश्क
सोनाली ने अपनी जिंदगी में हर कामयाबी पहली ही कोशिश में हासिल की, लेकिन इश्क की गली में उन्हें पहली बार पछतावा जरूर हुआ. दरअसल, सोनाली ने सबसे पहले थिएटर-फिल्म डायरेक्टर चंद्रकांत कुलकर्णी संग घर बसाया था. कहा जाता है कि दोनों के बीच तालमेल नहीं बैठ पाया, जिसके चलते यह रिश्ता जल्द टूट गया.
ऐसे हुआ सच्ची मोहब्बत से सामना
चंद्रकांत के साथ रिश्ता और दिल टूटने के बाद सोनाली अकेले ही अपनी जिंदगी की गाड़ी आगे बढ़ा रही थीं. अचानक इस गाड़ी में सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के हेड नचिकेत पंतवेद्य भी हमसफर बन गए. धीरे-धीरे मुलाकातों का सिलसिला बढ़ने लगा और 24 मई 2010 के दिन दोनों सात फेरों के बंधन में बंध गए.
एडिटर भी रह चुकी हैं सोनाली
बता दें कि सोनाली लिखने-पढ़ने की भी काफी शौकीन हैं. वह दैट्स सो कूल टाइटल से वीकली कॉलम लिखती थीं. बाद में इसी नाम से किताब भी प्रकाशित हुई थी. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सोनाली कुलकर्णी एक मराठी अखबार में एडिटर भी रह चुकी हैं. उन्होंने अपने करियर में तीन मराठी पुरस्कार, एक फिल्मफेयर पुरस्कार और एक नेशनल फिल्म अवॉर्ड समेत कई मशहूर पुरस्कार अपने नाम किए.