Nargis On Meena Kumari Death: मीना कुमारी की मौत पर नरगिस ने कहा था 'मौत मुबारक हो..., बताया था कैसे टूट चुकीं थी एक्ट्रेस
Nargis On Meena Kumari Death: मीना कुमारी का निधन का 31 मार्च 1972 को हुआ. उनकी मौत के बाद एक्ट्रेस और मीना कुमारी के बेहद करीब रहीं नरगिस दत्त ने उन्हें एक पत्र लिखा था.
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Nargis On Meena Kumari Death: ऐसा अक्सर कहा जाता है कि इंसान बुलंदियों पर ज्यादा अकेला होता है और इसका उदाहरण फिल्म इंडस्ट्री की सबसे उम्दा एक्ट्रेसेस में शुमार रही हैं मीना कुमारी रही हैं. फिल्म इंडस्ट्री पर करीब 33 साल तक राज करने के बाद भी एक्ट्रेस को कभी अपनी निजी जिंदगी में सुकुन नहीं मिला. पाकीजा और 'साहब, बीबी और गुलाम' जैसी उनकी फिल्मों में उनके रोल्स के बाद उन्हें ट्रेजेडी क्वीन का टैग दिया था. फिल्मों की तरह ही एक्ट्रेस की पर्सनल लाइफ भी हमेशा सुर्खियों में रहीं. फिर चाहे वो कमाल अमरोही संग असफल शादी हो या फिर धर्मेंद्र संग उनका रोमांस, एक्ट्रेस हमेशा प्यार के लिए तरसती रहीं.
मौत मुबारक हो मीना...
मीना कुमारी का निधन का 31 मार्च 1972 को हुआ. उनकी मौत के बाद एक्ट्रेस और मीना कुमारी के बेहद करीब रहीं नरगिस दत्त ने उन्हें एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने लिखा था, "मीना, मौत मुबारक हो!" नरगिस का पत्र एक उर्दू मैगजीन में पब्लिश हुआ था. नरगिस ने अपने लेटर में लिखा, 'आपकी मौत पर बधाई' मैंने ऐसा पहले कभी नहीं कहा. मीना, आज तुम्हारी बाजी (बड़ी बहन) तुम्हें तुम्हारी मौत पर बधाई देती है और कहती है कि तुम फिर कभी इस दुनिया में कदम मत रखना. यह जगह तुम जैसे लोगों के लिए नहीं है.”
संजय दत्त का रखती थी खयाल
अपने कॉलम में, उन्होंने याद किया कि मीना कुमार के साथ उनकी दोस्ती कैसे शुरू हुई, “मैं चुप रहूंगी की शूटिंग के दौरान, मेरे पति (सुनील दत्त) ने मुझे बच्चों के साथ सेट पर बुलाया था. वहां मीना और मैं बहुत अच्छे दोस्त बन गए. जब मैं दत्त साहब के साथ डिनर के लिए गई, तो मीना ने अपनी मर्जी से संजय और नम्रता की देखभाल की, उनके कपड़े बदलकर उनका दूध बनाया.''
कमाल के सेक्रेटरी ने मीना पर उठाया था हाथ
नरगिस ने खुलासा किया कि एक रात एक फिल्म की शूटिंग के लिए मद्रास में थी इस दौरान, उन्होंने मीना को होटल के बगीचे में हांफते हुए देखा था और जब उन्होंने पूछताछ की, तो मीना ने कहा कि वह ठीक हैं, यह सिर्फ तंबाकू हो सकता है. नरगिस को इस बात पर पूरा विश्वास नहीं हुआ और जब उन्होंने अपने कमरे से मारपीट की आवाजें सुनीं तो उनका शक यकीन में बदल गया. तब नरगिस ने कमाल अमरोही के सेक्रेटरी बकर से कहा, ''मीना को मारना चाहते हो? उन्होंने तुम्हारे लिए बहुत काम किया है, वह तुम्हें कब तक खिलाएगी? ' उसने (बकर) कहा, जब सही समय आएगा, हम उसे आराम देंगे.'' वे बॉम्बे लौट आए, और नरगिस ने कहा कि वे लंबे समय से नहीं मिले हैं. बाद में उन्हें पता चला कि मीना कुमारी, कमाल का घर छोड़कर महमूद के घर में रहने लगी हैं.
बुरी तरह टूट गईं थी मीना कुमारी
मीना का 'पिंजरे के पंछी' के सेट पर बकर के साथ झगड़ा हुआ था, और मामला इतना बिगड़ गया कि उन्होंने फिर से कमाल के घर में कदम नहीं रखा. इस समय तक मीना कुमारी के शराब पीने के किस्से सामने आने लगे थे. शराब उनकी हेल्थ के लिए नुकसानदायक साबित हो रही थी. उन्हें पीलिया हो गया था. जब नरगिस अस्पताल में उनसे मिलने गई तो उन्होंने पूछा, "मंजू, तुम आज़ाद हो, लेकिन ऐसी आज़ादी का क्या फायदा अगर तुम खुद को मारने पर तुली हो?" उन्होंने जवाब दिया, "बाजी, मेरे धैर्य की एक सीमा है. कमाल साहब के सेक्रेटरी की मुझ पर हाथ उठाने की हिम्मत कैसे हुई? जब मैंने घटना की जानकारी कमाल साहब को दी तो मुझे लगा कि वे दौड़कर आएंगे और बकर को गोली मार देंगे. इसके बजाय उन्होंने कहा, 'घर आओ, मैं वहां चीजें तय करूंगा. उनके पास फैसला करने के लिए क्या था? अब यह मैंने तय किया है कि मैं उनके पास वापस नहीं जाऊंगी.”
धर्मेंद्र के प्यार में पागल थीं मीना कुमारी
इसके बाद मीना कुमारी के जीवन में धर्मेंद्र की एंट्री हुई और इससे उन्हें कुछ समय के लिए खुशी मिली. नरगिस ने लिखा, 'अगर मीना ने कभी किसी से दिल से प्यार किया है तो वह हैं धर्मेंद्र. अगर मीना कभी किसी के प्यार में पागल हुई तो वह धर्मेंद्र थे. नरगिस ने कहा कि यह उनके जीवन का 'सबसे खूबसूरत' हिस्सा था. नरगिस ने लिखा, हालांकि, एक गलतफहमी के कारण, वह उसकी जिंदगी से चला गया और वह टूट गई. नरगिस ने लिखा, 'धीरे-धीरे वह मौत की ओर बढ़ने लगी.
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