Jeetendra Entry In Bollywood: गीत गाया पत्थरों ने (Geet Gaya Patharon Ne), द बर्निंग ट्रेन (The Burning Train), धरम-वीर (Dharam Veer) और हातिम ताई (Haatim Tai) जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में काम कर चुके जितेंद्र की गिनती बॉलीवुड के सबसे खूबसूरत (Handsome) अभिनेताओं में की जाती है. जितेंद्र के अभिनेता बनने की दास्तान किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. आइए जानते हैं कि हिंदी फिल्म जगत को ये सितारा किस तरह मिला था.


जितेंद्र के एक्टर बनने की चाहत


फिल्म अभिनेता जितेंद्र का असली नाम रवि कपूर है. रवि कपूर यानी जितेंद्र के पिता और चाचा फिल्मों में गहने सप्लाई करने का काम किया करते थे. इसी के चलते जितेंद्र फिल्मों के सेट पर जाया करते थे. यहीं से उनके दिल में अभिनेता बनने की ख्वाहिश पैदा हुई. कुछ वक्त के बाद उनके पिता की मृत्यु हो गई, जिसके बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गयी.


पहली बारी में हुए रिजेक्ट


पिता की मृत्यु के बाद जितेंद्र अपने चाचा के ज़रिए वी.शांताराम से मिले और काम के लिये ऑडिशन भी दिया, लेकिन शांताराम ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया. रिजेक्ट होने के बाद भी जितेंद्र ने हिम्मत नहीं हारी और फिल्म के सेट पर एक्सट्रा में काम करने लगे.


हिम्मत ने दिलाया काम


जितेंद्र ने हिम्मत नहीं हारी और फिल्म के सेट पर काम करते रहे. एक दिन फिल्म के सेट पर एक दृश्य फिल्माया जाना था, जिसमें हिरोइन बनी संध्या को आग से निकलना था. संध्या वी. शांताराम की बेटी थीं. इसी वजह से वो सीन को बॉडी डबल से शूट करवाना चाहते थे. लेकिन इसके लिये कोई महिला कलाकार तैयार नहीं हुई. इसके बाद जितेंद्र ने वो सीन शूट करने को कहा. कोई दूसरा विकल्प न होने के कारण शांताराम ने जितेंद्र से वो सीन शूट करवा दिया. शांताराम जितेंद्र की हिम्मत के फैन हो गए.


इसी हिम्मत के कारण वी. शांताराम (V. Shantaram) ने उन्हें अपनी अगली फिल्म गीत गाया पत्थरों ने (Geet Gaya Patharon Ne) के लिये बतौर हीरो साइन कर लिया. इसी के साथ शांताराम ने रवि कपूर का नाम बदलकर जितेंद्र (Jeetendra) बना दिया. उस फिल्म के बाद जितेंद्र ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा.


जब डिप्रेशन के दौरान दीपिका पादुकोण को आते थे सुसाइड करने के खयाल, मां ने की थी मदद


जब Salman Khan के गाने 'ओ ओ जाने जाना' पर जमकर नाचे अभिषेक बच्चन, यूज़र्स ने किए थे ऐसे कमेंट