बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार कहलाने वाले राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने अपने करियर में खूब ऊंचाइयों को छुआ था. उन्होंने जैसा स्टारडम देखा है शायद ही किसी ने देखा होगा. कहा जाता था कि काका कभी भी वक्त पर शूटिंग पर नहीं पहुंचते थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शूटिंग अगर सुबह है तो काका शाम को पहुंचते थे. लेकिन उनकी फैन फॉलोइंग इतनी थी कि निर्माता-निर्देशक भी उनसे कुछ नहीं कह पाते थे. वहीं, उन्हीं से जुड़ा किस्सा जितेंद्र (Jitendra) ने भी सुनाया था.
अपने एक इंटरव्यू में जितेंद्र ने कहा था, 'राजेश खन्ना ने बहुत ही उम्दा तरीके से फिल्म इंडस्ट्री को अपना योगदान दिया था, इसी वजह से लोग उन्हें आज भी याद करते हैं. वो स्कूल, कॉलेज में, हर ड्रामा में हिस्सा लेता था. जो मैंने कभी नहीं किया. मैं जब फिल्मों में आया, मुझे 'गीत गाया पत्थरों ने' का स्क्रीन टेस्ट देना था. उसने (काका) जय हिंद कॉलेज की कैंटीन में मुझे पूरा दिन प्रैक्टिस करवाई. सुबह से शाम तक, वो मुझे रटा रहा था कि स्क्रीन टेस्ट में क्या बोलना है और क्या नहीं.'
आपको बता दें कि जितेंद्र और राजेश खन्ना ने एक साथ पढ़ाई की थी. जितेंद्र ने फिल्म 'गीत गाया पत्थरों ने' से बॉलीवुड में कदम रखा था. कहा जाता है कि इस फिल्म के लिए राजेश खन्ना ने उनकी बहुत मदद की थी, इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया. उन्होंने 'तोहफा', 'हिम्मतवाला', 'जुदाई', 'फर्ज', 'मवाली', 'औलाद', 'अर्पण' जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया.
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