ट्रेजडी क्वीन मीना कुमारी (Meena Kumari) ने अपने करियर में फैंस को कई हिट फिल्मों का तोहफा दिया था. आज भले ही वो हमारे बीच में न रही हों, लेकिन अपनी फिल्मों के जरिए मीना कुमारी फैंस के दिलों में सदा जिंदा रहेंगी. अपने अंदाज से मीना (Meena Kumari) ने लोगों के दिलों को खूब जीता था. उन्होंने फिल्म 'बच्चों का खेल' से बॉलीवुड में कदम रखा था जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वहीं साल 1972 में मीना कुमारी (Meena Kumari) का देहांत हो गया था. जहां उनके निधन से हर कोई शौक में था. वहीं एक्ट्रेस नरगिस ने (Nargis) उनके लिए लिखा था, कि 'अब वापस इस दुनिया में मत आना'. दरअसल मीना कुमारी के निधन के बाद नरगिस ने उनके लिए एक लेख लिखा था, जो उर्दू मैगजीन में पब्लिश भी हुआ था. मीना-कुमारी और नरगिस करीबी दोस्त थीं. दोनों की दोस्ती फिल्म मैं 'चुप रहूंगी' के सेट पर हुई थी.
इतना ही नहीं, नरगिस को मीना कुमारी बाजी कहकर बुलाती थीं. नरगिस ने मीना कुमारी के निधन पर एक आर्टिकल में लिखा था, 'मुबारक हो मौत' यह बात मैंने पहले कभी नहीं कही है, लेकिन तुम्हारी बाजी आज तुम्हें मुबारकबाद देती है और ये कहती है कि तुम इस दुनिया में कभी दोबारा मत आना. ये दुनिया तुम जैसे लोगों के लायक नहीं है.'
मीना कुमारी के बारे में नरगिस ने आगे कहा, 'मैंने एक रात बगीचे में मीना को हांफते देखा. मैंने मीना से कहा, आप आराम क्यों नहीं करतीं. उन्होंने कहा, मैरी किस्मत में आराम नहीं है बाजी. मैं सिर्फ एक बार ही आराम करूंगी. उनके कमरे से उस रात हिंसा की भी आवाजें आ रही थीं. मैंने अगली सुबह देखा कि उनकी आंखें सूजी हुई थीं. नरगिस ने आगे लिखा, कुछ वक्त बाद मुझे पता चला कि वो, कमाल साहब के घर से निकल गई हैं. उनकी बकर के साथ बहुत लड़ाई हुई थी फिर वो वापस नहीं आईं. शराब की वजह से उनके फेफड़े खराब हो गए थे. जब नर्सिंग होम में मैं उनसे मिलने गई तो मीना ने कहा, 'बाजी मेरे सब्र की भी एक सीमा है. मेरे ऊपर कमाल साहब के सचिव ने हाथ कैसे उठाया. मैंने जब इस बारे में शिकायत की तो उन्होंने कुछ नहीं किया. तभी मैंने सोच लिया है कि अब मैं वहां वापस नहीं जाऊंगी'.
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