जब नेपाली सिक्योरिटी गार्ड को सुशांत ने कहा-मैं फास्ट बॉलर हूं, जानिए धोनी फिल्म की शूटिंग के दिनों की अनसुनी कहानियां
एम एस धोनी फ़िल्म की शूटिंग के दैरान सुशांत सिंह राजपूत ने महेंद्र सिंह धोनी के खास दोस्त क्रिकेटर सत्यप्रकाश के साथ काफी समय बिताया था. उन्होंने सुशांत की अनसुनी कहानी के कुछ पल एबीपी न्यूज के साथ साझा किये हैं.
![जब नेपाली सिक्योरिटी गार्ड को सुशांत ने कहा-मैं फास्ट बॉलर हूं, जानिए धोनी फिल्म की शूटिंग के दिनों की अनसुनी कहानियां When Sushant Singh Rajput told Nepali security guard, I am a fast bowler ann जब नेपाली सिक्योरिटी गार्ड को सुशांत ने कहा-मैं फास्ट बॉलर हूं, जानिए धोनी फिल्म की शूटिंग के दिनों की अनसुनी कहानियां](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/08/01202341/pjimage-73.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
5 साल पहले दुर्गा पूजा की समय की बात है. एम एस धोनी फ़िल्म की शूटिंग खड़गपुर में चल रही थी. उस वक्त सुशांत सिंह राजपूत ने दुर्गा पूजा के पंडालों में घूमने की बात कही थी. जिसके बाद सत्यप्रकाश के साथ सुशांत पंडाल देखने के लिए निकल पड़े.
बिहार की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेलने वाले और रेलवेज में काम करने क्रिकेटर सत्यप्रकाश, महेंद्र सिंह धोनी के खास दोस्त भी हैं. अभिनेता सुशांत के साथ सत्यप्रकाश रेलवे में काम करने वाले दिनों में महेंद्र सिंह धोनी कैसे थे इन सब बातों पर चर्चा कर रहे थे.
दुर्गा पूजा वाले दिन सुशांत के साथ सत्यप्रकाश पंडाल देखने के लिए गए थे. जहां एक पंडाल में एक बंगाली लेडी सिक्योरिटी को चकमा देकर सुशांत के बिल्कुल सामने पहुंच गई. जिसके बाद उसने सुशांत से कहा 'सुशांतो आप बहुत अच्छे एक्टर हो.' जिस पर सुशांत ने हंसकर कहा जी मैं 'सुशांत हूं सुशांतो नहीं'. लेडी ने उन्हें कहा 'वहीं तो एक ही बात है'. लेकिन सुशांत को ये नाम बहुत पसंद आया था. जिसके बाद वो सत्यप्रकाश को बताते रहे मुझे सुशांतो नाम से पुकारे.
सुशांत से जुड़ी एक दूसरी कहानी उन दिनो की है जब वह खड़गपुर आईआईटी में पैदल घूम रहे थे. एक नेपाली सिक्योरिटी गार्ड ने उनको कहा 'सर आपको देखकर लगता है की आप क्रिकेट खेलते हो. काफी अच्छा बॉडी है.' सुशांत ने तुरंत जवाब दिया में झारखंड की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेलता हूं. और टीम में फ़ास्ट बॉलर हूं. सुशांत सिंह राजपूत ऐसे ही हंसी मज़ाक में छोटी छोटी खुशियां ढूंढने वाले इंसान थे. आज भी ये सारी कहानियां सत्यप्रकाश को याद हैं.
सत्यप्रकाश बताते हैं कि एक दिन शूटिंग के बाद रात साढ़े 9 बजे सुशांत ने कहा कि उनको जिम करना है. छोटे शहर में रात को जिम खुला नहीं रहता है. लेकिन एक छोटा जिम चलाने वाले दिलखुश ने रात 10 बजे सुशांत के लिए अपना जिम खोल दिया. सुशांत ने उन्हें कहा "दिलखुश भाई जब आप इतना किए, तो आज आपका दिल भी खुश कर देते हैं." इसके आगे सुशांत ने सबको अलग अलग तरीके के पुश अप्स करके दिखाए थे जिससे फिटनेस ट्रेनर से लेकर क्रिकेट खेलने वाले सब चौंक गए थे.
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