(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कौन हैं Leena Manimekalai? जिनके फिल्म के पोस्टर ने देश से विदेश तक उठा दिया विवाद
Who Is Leena Manimekalai : फिल्म मेकर लीना मणिमेकलाई (Leena Manimekalai) ये नाम अचानक से पूरे देश में सुर्खियों में आ गया है. बल्कि विदेश तक में अचानक इस नाम की चर्चा शुरू हो गई है.
Who Is Leena Manimekalai : फिल्म मेकर लीना मणिमेकलाई (Leena Manimekalai)ये नाम अचानक से पूरे देश में सुर्खियों में आ गया है. बल्कि विदेश तक में अचानक इस नाम की चर्चा शुरू हो गई है, वजह है है लीना मणिमेकलाई की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' का पोस्टर, जिसने देश में बवाल मचा दिया है. इस पोस्टर में मां काली को जिस तरह दिखाया गया है वो लोगों को नागवार गुज़र रहा है और लोग जमकर लीना मणिमेकलाई का और उनकी फिल्म के पोस्टर का विरोध कर रहे हैं. दरअसल, काली के पोस्टर में मां काली को बड़े टशन के साथ सिगरेट पीते दिखा गया है और एक हाथ में उन्होंने LGBTQ कम्यूनिटी का झंडा उठा रखा है. इस वजह से लोग लीना मणिमेकलाई को लेकर अपना गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं. वैसे फिल्म और पोस्टर के बारे में तो अब तक आप कीफ कुछ पढ़ चुके होंगे तो चलिए हम आपको बताते हैं उन लीना मणिमेकलाई के बारे में जिनके एक पोस्टर ने बवाल मचा दिया है.
पति से लिया तलाक...बताया बायसेक्शुअल होने का सच...
लीना का जन्म तमिलनाडु के मदुरै में हुआ था. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली की 18 साल की उम्र में ही इंटर कास्ट और इंटर रिलीजियस शादी करवा दी गई थी. लेकिन लीना ने जल्द ही ये शादी तोड़ी और तलाक लेकर पति से अलग हो गई हैं. लीना ने तभी अपनी ये पहचान उजागर की कि वो बायसेक्शुअल (Bisexual) हैं.
इस फिल्म पर भी हुआ विरोध...
लीना के पिता एक तमिल प्रोफेसर थे वो एक्सर अपने पिता के साथ फिल्म सोसायटी भाग लिया करती थीं . उनके पिता ने अनुभवी फिल्म निर्माता तमिल निर्देशक पी भारतीराजा पर एक थीसिस लिखी थी. पिता की मौत के बाद लीना ने कुछ साल बैंगलोर की एक आईटी फर्म में काम किया. फिर जॉब छोड़कर फिल्म मेकिंग की राह पकड़ ली और साल 2002 में अपनी पहली डॉक्यूमेंट्री महात्मा ( Mathamma) का निर्देशन किया. इसके बाद लीना ने कई और डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाईं जैसे Parai,ये फिल्म दलि महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंस पर थी. लीना को अपनी इस फिल्म के लिए भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा था.
सेंसर बोर्ड ने नहीं दी फिल्म रिलीज़ को मंजूरी...
इसके बाद लीना ने कई और डॉक्यूमेंट्री बनाईं, लेकिन साल 2011 में 'सेंदगल' को लेकर उन्हें फिर से परेशानी का का सामना करना पड़ा. 'सेंदगल' भारत और श्रीलंका के बीच फंसे मछुवारों पर बनी थी. फिल्म में दिखाया गया था कि श्रीलंका में जातीय युद्ध ने धनुषकोडी में मछुआरों के जीवन को कैसे प्रभावित किया. सेंसर बोर्ड ने शुरू में इस फिल्म को यह कहते हुए क्लीयरेंस सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था कि इसने श्रीलंका और भारत की सरकारों के बारे में अपमानजनक राजनीतिक टिप्पणी की, और असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया. हालांकि लीना ने इसके खिलाफ कई महीनों तक मुकदमा लड़ा और आखिरकार जुलाई 2011 में फिल्म को बिना किसी कट के रिलीज़ करने की मंजूरी दे दी White Van Stories, Is it too much to Ask लीना की चर्चित डॉक्यूमेंट्री में से एक हैं.