यहां भारत आर्थिक सम्मेलन में मानसिक रोग से जुड़ी धारणा के बारे में बातचीत में 31 वर्षीय अभिनेत्री ने यह कहा.
दीपिका ने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि मैं यह कह सकती हूं कि मैं इससे (डिप्रेशन से) पूरी तरह उबर चुकी हूं. मेरे दिलोदिमाग में यह डर हमेशा बना रहता है कि मैं फिर से इसकी चपेट में आ जाऊंगी क्योंकि मेरे लिए यह अनुभव बहुत ही खराब रहा है. ’’
उनसे पूछा गया कि अपने डिप्रेशन के बारे में खुलकर बोलने से क्या उन्हें कोई नुकसान उठाना पड़ा? इस पर दीपिका ने कहा कि इस बारे में वह निश्चित तौर पर तो कुछ नहीं कह सकती लेकिन हो सकता है कि कुछ निर्माता इस वजह से उनके पास ना आए हों.
दीपिका ने देशभर के स्कूलों के पाठ्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य विषय को शामिल करने की वकालत करते हुए कहा कि इस तरह इससे जुड़ी भ्रामक धारणा को दूर किया जा सकेगा.