Lata Mangeshkar Special: गाना गाने का अंदाज हो या संगीत का सम्मान करने की तहजीब, दोनों ही मामलों में लता मंगेशकर का सानी न कोई हुआ है और न कभी हो पाएगा. अपने गानों से सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाली लता दीदी की सादगी का कायल आज भी हर कोई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोई भी गाना गाने से पहले लता मंगेशकर खास काम करती थीं? अगर नहीं तो आज हम आपको इस बात की जानकारी दे रहे हैं...
गाने से पहले यह काम करती थीं लता दी
बता दें कि लता मंगेशकर ने अपने करियर में हजारों गाने गाए. वह भले ही इस दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं, लेकिन आज भी उनकी आवाज उनके हर चाहने वाले के दिल में जीवित है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि लता मंगेशकर जब भी कोई गाना गाती थीं, तब उससे पहले चप्पल उतार देती थीं.
बचपन से था संगीत से ताल्लुक
बता दें कि लता मंगेशकर ने बॉलीवुड के सभी महान संगीतकारों और गायकों के साथ काम किया था. मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मी लता दीदी को संगीत का माहौल घर से ही मिला था. उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर क्लासिकल सिंगर और थिएटर आर्टिस्ट थे. लता अपने पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं. अहम बात यह है कि उनके सभी भाई-बहन भी संगीत की दुनिया से ताल्लुक रखते हैं.
चप्पलों पर रहती थीं लोगों की नजरें
अब हम आपको उस किस्से की तरफ ले चलते हैं, जिसके लिए यह खबर तैयार की गई है. दरअसल, लता मंगेशकर जब भी कोई गीत रिकॉर्ड करती या स्टेज शो करती थीं, तब चप्पल नहीं पहनती थीं. ऐसे में लोग उनकी चप्पलों पर ही नजर रखते थे, क्योंकि रिकॉर्डिंग के बाद लता दीदी चुपचाप चप्पल पहनती थीं और बाहर निकल जाती थीं.
अनु मलिक ने बताया था यह किस्सा
लता दीदी और चप्पल से जुड़ा किस्सा अनु मलिक ने एक इंटरव्यू के दौरान सुनाया था. उन्होंने बताया कि मैंने लता दीदी को जब भी गाना गाते देखा, तब बिना चप्पल पहने ही गाते देखा. दरअसल, लता दीदी स्टूडियो या स्टेज को अपना मंदिर समझती थीं. ऐसे में वहां चप्पल पहनकर जाने को वह अच्छा नहीं मानती थीं. यही वजह है कि उन्होंने कभी चप्पल पहनकर गाना नहीं गाया.