Salman Khan: क्या बिना शादी किए पापा बन सकते थे सलमान खान? इन नियम और कानून की वजह से अधूरी रही ख्वाहिश
Surrogacy Rules: सलमान खान की शादी पर बार-बार सवाल उठते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने बच्चों को लेकर अपनी ख्वाहिश बयां कर दी, जो अधूरी रह गई. आइए पूरा मसला जानते हैं
Salman Khan Children Plan: नई फिल्म.. नई एक्ट्रेस... नया इंटरव्यू और नया चैप्टर, लेकिन सवाल वही पुराना... शादी कब कर रहे हो भाईजान? 57 बसंत पार कर चुके सलमान हजारों बार इस सवाल का सामना कर चुके हैं और हर दफा मुस्कुराकर गुजर जाते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया, जिसने हर तरफ हलचल मचा दी। दरअसल, सलमान ने बताया कि वह भी बिना शादी किए पिता बनने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कानून ने उनके प्लान को मुकम्मल होने से रोक दिया। आइए आपको सलमान की ख्वाहिश से रूबरू कराते हैं। साथ ही, समझते हैं कि किस नियम और कानून की वजह से भाईजान की यह मंजिल उनसे हमेशा के लिए दूर हो गई।
शादी के सवाल पर सलमान ने कही थी यह बात
गौरतलब है कि सलमान खान हाल ही में टीवी शो आप की अदालत में अपनी फिल्म किसी का भाई किसी की जान का प्रमोशन करने पहुंचे थे। यहां उनसे शादी को लेकर सवाल पूछा गया। इस पर सलमान खान ने कहा, 'जब खुदा तय करेगा तो हो जाएगा। शादी के लिए दो लोगों की जरूरत होती है। पहले मामले में शादी नहीं हुई। जब मैंने हां कहा तो किसी ने कहा नहीं। जब किसी ने हां कहा तो मैंने कहा नहीं। अब दोनों तरफ से नहीं है। जब हम दोनों हां कहेंगे, शादी हो जाएगी। अभी भी समय है। मैं 57 साल का हूं। मैं चाहता हूं कि इस बार पहली और आखिरी हो। दरअसल, मेरी पिछली सभी गर्लफ्रेंड अच्छी थीं। दोष मुझमें है।'
सलमान खान ने बताई यह इच्छा
सलमान खान ने कहा, 'मैं शादी करना चाहता था, जिससे मेरा खुद का बच्चा हो सके। मैं करण जौहर की तरह ही सरोगेसी के लिए कोशिश कर रहा था। हालांकि, ऐसा नहीं हो सका, क्योंकि कानून बदल गया था। मैं यही करने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन वह कानून बदल सकता है तो देखते हैं। मुझे बच्चों से लगाव है। हमारे पास पूरा जिला है, पूरा गांव है, लेकिन मेरे बच्चे की मां मेरी पत्नी होगी।'
किस कानून की वजह से अधूरी रह गई सलमान की ख्वाहिश?
बता दें कि सलमान की ख्वाहिश को अधूरा रखने की वजह सरोगेसी रेग्युलेशन बिल 2020 है। दरअसल, 15 जुलाई 2019 को सरकार ने सरोगेसी रेगुलेशन बिल लोकसभा में पेश किया था. दिसंबर 2021 में इस बिल को पास कर दिया गया और जनवरी 2022 में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गया. इस कानून के मुताबिक, कोई भी इच्छुक महिला सरोगेट मदर बन सकती है, लेकिन यह कानून कमर्शियल सरोगेसी पर रोक लगाता है। कानूनन सरोगेसी निःस्वार्थ भाव से ही की जा सकती है. इसका मतलब कि सरोगेसी के लिए सरोगेट मदर को कोई पैसा नहीं दिया जा सकता. हालांकि, जो कपल सरोगेसी से माता-पिता बनना चाहते हैं, उन्हें सरोगेट मदर का मेडिकल खर्च और बीमा कवर कराना जरूरी है.
क्या हैं सरोगेसी के नए नियम?
कानून के अनुसार, कपल की करीबी रिश्तेदार ही सरोगेट मदर बन सकती है. सरोगेट मदर की उम्र 25 से 35 साल के बीच होनी चाहिए. वही महिला सरोगेट मदर बन सकती है जो कभी शादीशुदा रही है और उसका अपना बच्चा है. अविवाहित महिला सरोगेट मदर नहीं बन सकती. नए कानून के मुताबिक, कोई भी महिला अपने जीवन में सिर्फ एक बार ही सरोगेट मदर बन सकती है। सरोगेट मदर जन्म देने के बाद बच्चे को उसके मां-बाप को सौंप देती है. सरोगेसी से जन्मे बच्चे को सारे अधिकार मिलते हैं. सरोगेसी से जन्मे बच्चे को अगर कोई बीमारी होती है तो कपल उसे अपनाने से इनकार नहीं कर सकता.
सरोगेसी से मां-बाप बनने के लिए भी शर्तें
सरोगेसी के माध्यम से ऐसे कपल माता-पिता बन सकते हैं, जो बच्चे को जन्म देने में असमर्थ हों या प्रजनन क्षमता से जुड़ी कोई समस्या हो. सरोगेसी से मां-बाप बनने के लिए कपल का शादीशुदा होना जरूरी है. लिव इन में रह रहे कपल या सिंगल शख्स सरोगेसी से मां-बाप नहीं बन सकते. सरोगेसी से मां-बाप बनने के लिए पति की उम्र 23 से 50 साल और पत्नी की उम्र 26 से 55 साल के बीच ही होनी चाहिए.
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