नई दिल्ली: अपनी चुलबुली और शोख अदाओं से हर किरदार में जान फूंक देने वाली श्रीदेवी का बुधवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. श्रीदेवी को सफेद रंग बहुत पसंद था इसलिए सफेद फूलों से सजे खुले वाहन पर उनकी अंतिम यात्रा निकली. इस दौरान लाखों नम आंखों ने उन्हें बिदाई दी. अंतिम संस्कार के लिए श्रीदेवी को दुल्हन की तरह सजाया गया था. अभिनेत्री को श्मशान घाट ले जाने से पहले पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा गया था. साथ ही उन्हें बाकायदा मुंबई पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. तिरंगे में लिपटी श्रीदेवी के शव को देखकर कुछ लोग सवाल पूछ रहे हैं कि उनके शव को तिरंगे में क्यों लपेटा गया?
सोशल मीडिया पर तेजी से वारयल हो रहे इस सवाल का जवाब एबीपी न्यूज़ ने खोजा. एक्सपर्ट ने बताया कि राजकीय सम्मान पहले सिर्फ संवैधानिक पदों पर रहे लोग, पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व राष्ट्रपति को ही दिया जाता था. लेकिन बाद में नियमों में बदलाव हुआ और नए नियम के मुताबिक राज्य सरकार ये तय कर सकती है कि किसे राजकीय सम्मान दिया जाना है. इसके बाद राजनीति, साहित्य, कानून, विज्ञान और कला के क्षेत्र में योगदान करने वाले लोगों को राजकीय सम्मान दिया जाने लगा.
श्रीदेवी को क्यों मिला ये सम्मान?
श्रीदेवी कला का एक बड़ा नाम हैं, उन्होंने तमिल, तेलुगू, हिंदी, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में काम किया. वो बॉलीवुड की पहली महिला सुपरस्टार बनीं. साल 2013 में मनोरंजन जगत में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया था. अभिनेत्री के निधन की खबर मिलने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने श्रीदेवी को राजकीय सम्मान देने का फैसला किया. उनके पार्थिव शरीर को पहले तिरंगे में लपेटा गया और फिर पुलिस ने उन्हें बंदूकों की सलामी दी. फिजा में 'श्रीदेवी अमर रहे' के नारों की गूंज थी.
बता दें कि अंतिम संस्कार के वक्त ताबूत के अंदर श्रीदेवी पूरे श्रृंगार में सजी शांत लेटी हुई थीं. उनका निधन एक सुहागन के तौर पर हुआ है, उनकी मांग सिंदूर से भरी हुई थी और उन्हें सुनहरे व मरून रंग की कांजीवरम साड़ी और गले में हार पहनाया गया था. चिर निद्रा में वह एक देवी की तरह मालूम पड़ रही थीं. अंतिम संस्कार से पहले करीब छह किलोमीटर लंबी यात्रा निकाली गई, इस दौरान ट्रक पर श्रीदेवी की एक बड़ी तस्वीर भी रखी हुई थी. पूरे परिवार सहित उनके अंतिम संस्कार में पूरा बॉलीवुड शामिल हुआ.