(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
रवीना टंडन के सपोर्ट में उतरा ये NGO, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व विवाद में किया एक्ट्रेस का बचाव
Raveena Tandon Row: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को लेकर एक्ट्रेस रवीना टंडन का नाम विवाद में आ गया है. ऐसे में अब एक एनजीओ की ओर से अदाकारा के बचाव में बड़ी बात कही है.
Raveena Tandon Tiger Reserve Controversy: मध्य प्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने को लेकर बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन (Raveena Tandon) विवादों के घेरे में आ गई हैं. सतपुड़ा नेशनल पार्क के चूरना जंगल में हाल ही में रवीना टंडन घूमने के लिए गई हुईं थीं. ऐसे में वाहन संरक्षित इलाके से बाहर वाहन ले जाकर टाइगर के करीब से फोटो और वीडियो को खींचने की वजह से रवीना की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. ऐसे में वाइल्डलेंस इको फाउंडेशन नामक एनजीओ ने रवीना टंडन का बचाव किया है.
रवीना टंडन के बचाव में उतरा ये समूह
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व विवाद के रवीना टंडन का नाम इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. इस बीच गैर सरकारी संगठन वाइल्डलेंस इको फाउंडेशन एनजीओ रवीना टंडन के सपोर्ट में सामने आया है. इस एनजीओ ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर हाल ही में एक ट्वीट किया है. इस ट्वीट में इस समूह ने लिखा है- वाहन का टाइगर के करीब होना वास्तव में खामियों से भरा है, जिप्सी एक अधिकृत गाइड और ड्राइवर की ओर से तय सड़कों पर चलती हैं. टाइगर आजाद रूप से चलता है और एक प्रशिक्षित ड्राइवर बाघ की आचानक से की गई प्रतिक्रिया पर अपना रिएक्शन नहीं दे सकता है.जो उसे उत्तेजित करता है. इस एनजीओ के इस ट्वीट को बॉलीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस रवीना टंडन ने रीट्वीट किया है और थैंक्यू बोला है.
Thank you @WildLense_India https://t.co/v5zNiiXLxI
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) November 30, 2022
क्यों छिड़ा रवीना टंडन के नाम पर विवाद
जंगल सफारी के दौरान बीते 25 नवंबर को रवीना टंडन (Raveena Tandon) मध्य प्रदेश के सतपुड़ा के टाइगर रिजर्व में पहुंचीं. इस बीच रवीना टंडन ने घूरना के जंगल में टाइगर के करीब वाहन के जरिए जाकर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की है. इस मौके के फोटो-वीडियो को रवीना ने सोशल मीडिया पर शेयर किया. इसके बाद पाया गया कि टाइगर के इतने करीब जाकर प्रतिबंधित टाइगर रोड पर वाहन ले जाना और फोटो खींचने की वजह से रवीना टंडन के नाम पर विवाद गर्मा गया है. बता दें कि एसटीआर के मुताबिक एक तय और उचित दूरी से ही वन्य जीवों को देखा और उनकी तस्वीरें क्लिक की जा सकती हैं.
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