प्रकाश राज ने ट्विटर पर 'जो कोई भी इससे संबंधित है' शीर्षक से एक पोस्ट साझा करते हुए कहा, "हालांकि अमीरों को अपने कालेधन को नए नोट में बदलने का तरीका मिल गया. इस विघटनकारी प्रभाव ने लाखों लोगों को असहाय कर दिया और असंगठित क्षेत्र के कामगार बेरोजगार हो गए. क्या आप अपने समय की सबसे बड़ी गलती के लिए माफी मांगेंगे."
8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा करते हुए 500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण कर दिया था और कहा था कि इसका उद्देश्य कालेधन पर रोक लगाना और आतंक को की जाने वाली फंडिंग को समाप्त करना है. अब इसके एक साल पूरे होने पर सरकार लगातार सभी के निशाने पर है.
बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब प्रकाश राज ने सरकार को निशाने पर लिया है. इससे पहले प्रकाश राज ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या का जश्न मनाने पर मोदी की 'चुप्पी' की निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि मोदी की चुप्पी 'डरावनी' है. प्रकाश राज ने कहा था कि ''मैं बड़ा एक्टर हूं लेकिन ये दोनों (मोदी और योगी) मुझसे भी बड़े एक्टर हैं.'' यहां पढ़ें (IANS Input)