(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'सौतन' और 'बेवफा सनम' जैसी सुपरहिट फिल्में बनाने वाले Saawan Kumar Tak कैसे बने गीतकार? दिलचस्प है किस्सा
Ajay Brahmatmaj on Saawan Kumar Tak: बॉलीवुड के फेमस फिल्ममेकर सावन टाक के साथ एक ऐसी बात हुई जिस जिद में वो गीतकार भी बन गए. उन्होंने ऐसा सुपरहिट गाना लिखा जिसे आज भी लोग दिल से सुनते हैं.
Ajay Brahmatmaj on Saawan Kumar Tak: कलाकार दो तरह के होते हैं एक तो वो जिन्हें बचपन से पता होता है उन्हें बड़े होकर क्या करना है. वहीं दूसरा वो जो काम तो आम आदमी की तरह करता है लेकिन बाद में उन्हें अपने हुनर का पता चलता है.
वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो किसी एक गुण को पहचानकर उसपर काम करते हैं लेकिन बाद में उन्हें अपने दूसरे टैलेंट का भी पता चलता है. ऐसा ही कुछ मशहूर फिल्ममेकर सावन कुमार तक के साथ भी हुआ था. सावन कुमार शुरू से फिल्ममेकर बनना चाहते थे, लेकिन बाद में वो फिल्ममेकर के साथ गीतकार भी बने.
जी हां, किसी फिल्म के लिए सावन कुमार टाक को ऐसा गाना लिखवाना था जो लोगों के दिलों में बस जाए. लेकिन लेखक ऐसा नहीं कर पा रहा था और बाद में सावन कुमार ने वो गाना लिखा जो सदाबहार बन गया. सावन कुमार वहीं से समझ गए कि उनके अंदर एक गीतकार भी लिखा है जो एक से बढ़कर एक गाने लिख सकता है.
सावन कुमार कैसे बने गीतकार?
लेखक अजय ब्रह्मात्मज ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है. उनसे पूछा गया कि सावन कुमार गीतकार कैसे बने. इसपर उन्होंने कहा, 'ये बहुत ही इंट्रेस्ट्रिंग किस्सा है कि सावन जी की कई फिल्में आ चुकी थीं. 'गोमती के किनारे' भी फिल्म बन चुकी थी. वहीं 'हवस' फिल्म के लिए उन्हें एक गाना लिखवाना था तो वो मजरुह सुल्तानपुरी साहब के पास गए.'
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इसी वीडियो में उन्होंने आगे कहा, 'उस दिन इत्तेफाक ये था कि मैं भी उनके साथ था. तो जब मजरूह साहब लाइने लिखने लगे तो सावन साहब बोले- नहीं...नहीं...ये ऐसा नहीं ऐसा लिखना है. फिर लिखा...10 मिनट डिस्कशन हो फिर सावन साहब को समझ नहीं आया. ऐसा लगभग पौना घंटा चलता रहा, मजरूह साहब का मूड इतना खराब हुआ कि उन्होंने उन 10-15 कागजों का बॉल टाइप बनाया और सावन साहब के मुंह पर फेंका और कहा जाओ ये गाना तुम खुद लिख लो.'
इसी वीडियो में लेखक ब्रह्मात्मज ने आगे कहा, 'फिर सावन जी उठे, घर पर आए और रात को उन्होंने पहला गाना लिखा 'तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम, आज के बाद' और सुबह ऊषा जी को दिया और ऊषा जी ने कंपोज किया, मोहम्मद रफी ने गाया. वो गाना आउटस्टैंडिंग और सुपरहिट रहा. ये थे सावन जी और ये थीं ऊषा जी.'
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