Netflix Hindi Original films of 2018: 'लस्ट स्टोरीज' ने बटोरीं सुर्खियां लेकिन बाकी फिल्मों का हुआ बुरा हाल
इस साल नेटफ्लिक्स पर 'लव पर स्कवायर फुट' सहित कुल पांच ओरिजिनल हिंदी फिल्में रिलीज हुईं. इनमें से 'लस्ट स्टोरीज' ने एक सीन की वजह से सुर्खियां बटोरीं लेकिन कोई और फिल्म दर्शकों को कुछ खास इंप्रेस नहीं कर पाई.
फिल्मों में सेंसरशिप की वजह से अक्सर ही बॉलीवुड में बवाल मचा रहता है. फिल्ममकेर्स को इस बात की शिकायत रहती है कि सेंसरबोर्ड ने उनकी फिल्म से इतने सीन काट दिए, डायलॉग हटा दिया. लेकिन जब 2015 में नेटफ्लिक्स ने इंडिया में अपना कदम रखा तो बॉलीवुड को उनके प्लेटफॉर्म के लिए ओरिजिनल फिल्म बनाने का मौका दिया. ऑनलाइन रिलीज होने वाली फिल्मों में सेंसबोर्ड का कोई हस्तक्षेप नहीं है. ऐसा सिर्फ थियेटर और टीवी के लिए करना पड़ता है. तो जब बॉलीवुड को ये मौका मिला कि वो खुलकर किसी भी विषय पर फिल्में बना सके और दर्शकों को दिखा सके तो कैसी फिल्में बनीं... आइए जानते हैं-
इस साल नेटफ्लिक्स की पहली ओरिजिनल हिंदी फिल्म 'लव पर स्कवायर फुट' वैलेंटाइन डे के मौके पर रिलीज हुई. इस फिल्म सहित साल 2018 में नेटफ्लिक्स पर कुल 5 ओरिजिनल हिंदी फिल्में रिलीज हुईं. इनमें से 'लस्ट स्टोरीज' ने एक सीन की वजह से सुर्खियां बटोरीं लेकिन कोई और फिल्म दर्शकों को कुछ खास इंप्रेस नहीं कर पाई. अब ये बॉलीवुड की बदकिस्मती ही हो सकती है कि 137 मिलियन सब्सक्राइबर्स रखने वाले नटफ्लिक्स पर उनकी फिल्मों को हिंदी भाषी लोगों ने ही पसंद नहीं किया. वहीं, अगर वेब सीरिज की बात करें तो नेटफ्लिक्स की ओरिजिनल वेब सीरिज 'सेक्रेड गेम्स' हिट रही. इस लिहाज से नेटफ्लिक्स पर हिंदी फिल्मों के लिए ये साल कुछ खास नहीं रहा. यहां आपको बताते हैं कि इस साल नेटफ्लिक्स पर कौन-कौन सी फिल्में रिलीज हुईं.
लव पर स्कवायर फुट- इस फिल्म ने पहली हिंदी नेटफ्लिक्स ओरिजिनल फिल्म होने का तमगा अपने नाम किया. ये रोमांटिक कॉमेडी मुंबई के बैकग्राउंड में बनी है और खास बात ये है कि इसमें मुंबई को भी एक किरदार की तरह दिखाया है. इसमें विक्की कौशल, अंगिरा धर, रत्ना शाह पाठक और सुप्रिया पाठक मुख्य भूमिका में दिखे. ये लव स्टोरी बहुत खास है इसलिए क्योंकि ये दोनों किरदार पहले मुंबई में अपना घर लेना चाहते हैं और उसके बाद लव करने की सोचते हैं.
बड़ी मुंबई में कुछ स्कवायर फुट में बने घर का सपना पूरा करने के लिए उन्हें क्या-क्या करना पड़ता है यही पूरी कहानी है. इसे आनंद तिवारी ने डायरेक्ट किया है जो इससे पहले यशराज फिल्मस की सीरिज बैंड बाजा बारात को भी डायरेक्ट कर चुके हैं. इस फिल्म में भी उस सीरिज की झलक मिलती है. पहले ये फिल्म सिनेमाघरों के लिए बनी थी लेकिन बाद में इसे नेटफ्लिक्स पर रिलीज किया गया. फिल्म की कहानी predictable और स्लो भी है. विक्की कौशल और बाकी किरदारों के अच्छे अभिनय के बावजूद ये फिल्म कुछ खास असर नहीं छोड़ पाती है. हालांकि इस फिल्म के गाने पसंद किए गए. यात्री कृपया ध्यान दें और चिकन डांस को लोगों ने पसंद किया.
लस्ट स्टोरीज (Lust Stories)
इस फिल्म को बॉलीवुड के चार बड़े डायरेक्टर्स ने मिलकर बनाया है. अनुराग कश्यप, जोया अख्तर, दिबाकर बनर्जी और करण जौहर ने इस फिल्म में चार-छोटी छोटी कहांनिया दिखाई हैं. 2013 में भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष पूरे होने पर ‘बॉम्बे टॉकीज़’ आई थी. ‘बॉम्बे टॉकीज़’ को भी इन्हीं चारों डायरेक्टर्स ने मिलकर बनाया था और उसमें भी चार अलग-अलग कहांनियां थीं. ये फिल्म उसी का सीक्वल है. फिल्म का नाम आते ही इस पर चर्चा शुरु हो गई.
इसमें औरतों के सेक्सुअल डिजायर (लस्ट) को उनके नज़रिए से दिखाया गया है. करण जौहर की कहानी ने कंट्रोवर्सी खड़ी कर दी. हालांकि उन्हीं की इस कहानी को ज्यादा पसंद किया. इसमें राधिका आप्टे, विक्की कौशल, मनीषा कोईराला जैसे सभी मंझे हुए एक्टर्स दिखे. चारों कहांनियां ने मिलकर महिलाओं के कामुकता को उनके नज़रिए से दिखाया.
बृजमोहन अमर रहे (Brij Mohan Amar Rahe)
ये फिल्म अगस्त में रिलीज हुई. ये एक कॉमेडी क्राइम ड्रामा है जिसे निखिल भट्ट ने लिखा है और उन्होंने ही डायरेक्टर किया है. अर्जुन माथुर और निधि सिंह मुख्य भूमिका में हैं. निधि इससे पहले परमानेंट रुममेट्स की वजह से काफी पॉपुलर हैं. मानव विज भी हैं. इसमें बृज मोहन नाम के शख्स की कहानी दिखाई गई जो ज्यादा पैसों के लालच में एक के बाद एक अनजाने में मर्डर करता है और आखिर में उसे अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ता है.
दिल्ली के बैंकग्राउंड में बनी इस फिल्म में भरपूर गालियों का इस्तेमाल किया गया है. एक घंटे 40 मिनट की इस फिल्म में बहुत जल्दी जल्दी चौकाने वाली चीजें होती रहती हैं. लेकिन जब फिल्म खत्म होती है तो ऐसा लगता है कि बहुत कुछ अधूरा रह गया.
टिकली एंड लक्ष्मी बम (Tikli and Laxmi Bomb)इस फिल्म को आदित्य कृपलानी ने बनाया है और ये उन्हीं के उपन्यास टिकली एंड लक्ष्मी बम पर आधारित है. ये सेक्स वर्कर्स की एक ऐसी कहानी हैं जिसमें औरतों का ये ‘धंधा’ औरतें ही चलाती हैं. फिल्म इसलिए ज्यादा चर्चित तो नहीं रही लेकिन इस फिल्म की खास बात ये रही कि इसमें एडिटिंग से लेकर हर टेक्निकल हर काम महिला टेक्निशियन ने ही किया है. इस फिल्म में विभावरी देशपांडे, चित्रांगदा चक्रवर्ती, सुचित्रा पिल्लई, उपेंद्र लिमाये और सहर्ष कुमार शुक्ला मुख्य भूमिका में हैं. अपने धंधे के कुछ खराब नियमों में बदलाव के लिए ये सेक्स वर्क्स खुद कदम उठाती हैं.
राजमा चावल (Rajma Chawal)
लीना यादव के निर्देशन में बनी ये फिल्म साल 2018 की नेटफ्लिक्स की आखिरी हिंदी फिल्म है. ऋषि कपूर, अनिरुद्ध तंवर और अमायरा दस्तूम मुख्य भूमिका में हैं. ये फिल्म चांदनी चौक, पुरानी दिल्ली के बैंकग्राउंड में बनाई गई है. इसमें बार-बार दिखाया गया है कि फिल्म के कई किरदारों को चांदनी चौक से खास लगाव है. लीड एक्टर एक जगह पूछता भी है कि चांदनी चौक में ऐसा क्या है? फिल्म अपने ही सवाल को विजुअली जस्टिफाई नहीं कर पाती है.
इससे पहले जब लीना यादव की 'पार्च्ड' फिल्म आई तो उस पर खूब बहस हुई. अगर आप उनसे वैसा ही कुछ अलग और दमदार बनाने की उम्मीद लेकर इसे देखेंगे तो बहुत निराशा होगी. ये फिल्म बाप-बेटे के रिश्ते को लेकर बनी है. दोनों में कन्यूनिकेशन गैप को सोशल मीडिया दूर करता है. फिल्म कम बजट में बनी है. पूर और शीना चड्ढा को छोड़ दें तो लीड एक्टर्स इमोशनल सीन्स नहीं कर पाते हैं. इसमें लीड एक्टर अनिरुद्ध तंवर को बैंड बनाने का शौक है. ऐसी फिल्मों में कहानी के साथ-साथ म्यूजिक का सबसे ज्यादा योगदान होता है. लेकिन यहां कुछ नया ताजा ना होना बहुत अखरता है.