Year Ender 2019: गुजरा साल फिल्म जगत के लिए दुख भरा रहा. इस गुजरे साल में कई नामचीन और ऐसी हस्तियां फिल्मी दुनिया को अलविदा कह गईं, जिन्होंने अपने अभिनय और प्रतिभा से फिल्म जगत को  रोशन किया. इनके योगदान को फिल्म जगत हमेशा याद करेगा. फिल्म जगत के लिए इन हस्तियों का जाना एक बड़ी क्षति है.


जे ओम प्रकाश: किताबों के लिए बेच दी थी शादी की अंगूठी


फिल्म निर्माता जे ओम प्रकाश ने बेहतरीन फिल्मों का निर्माण किया, जिसमें 'अर्पण', 'भगवान दादा', 'अपनापन', 'आप की कसम', 'आशा', 'आस-पास', 'आपके साथ', 'अजीब दास्तां है ये', 'अग्नि और आदमी' और 'अप्सरा' जैसी फिल्में हैं. जे ओम प्रकाश का रिश्ता ऋतिक रोशन से भी था. वो ऋतिक के ये नाना थे. 93 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. ऋतिक उन्हें अपना गुरु मानते थे. वे उनके बेहद करीब थे. कहा जाता है कि उन्हें किताबों से बेहद लगाव था. इसके लिए उन्होंने शादी की अंगूठी बेच दी थी.  मशहूर शायर कतिल शिफाई और फैज अहमद फैज उनके दोस्त थे. 7 अगस्त 2019 को उनका निधन हो गया.


वीरू देवगन: फिल्मों में एक्शन को दी नई पहचान


बॉलीवुड फिल्मों में एक्शन के महत्व को सबसे पहले वीरू देवगन ने बताया. अभिनेता अजय देवगन के पिता वीरू देवगन बॉलीवुड के प्रमुख एक्शन डायरेक्टर थे. वीरू देवगन ने सत्ते पे सत्ता, स्वर्ग से सुंदर, दस नंबरी, मिस्टर नटवरलाल, क्रांति, राम तेरी गंगा मैली, आखिरी रास्ता, मिस्टर इंडिया, फूल और कांटे, इश्क जैसी 80 से ज्यादा फिल्मों में बतौर एक्शन कोरियोग्राफर के रूप में योगदान दिया था. 27 मई 2019 को उनका निधन हो गया, वे 85 साल के थे. उनके निधन पर बॉलीवुड की बड़ी हस्तियों ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे बड़ी क्षति बताया था.


राजकुमार बड़जात्या: सलमान के करियर को दी नई दिशा


बॉलीवुड फिल्म के जानेमाने प्रोड्सूर राजकुमार बड़जात्या के योगदान को सिने जगत हमेशा याद रखेगा. राजकुमार बड़जात्या ने प्रेम रतन धन पायो, हम आपके हैं कौन, मैंने प्यार किया जैसे ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं. उनका राजश्री प्रोडक्शन हाउस देश के सबसे सफल प्रोडक्शन हाउस में से एक माना जाता है. सलमान खान के करियर को ऊंचाई देने में उनका बहुत बड़ा योगदान था. 21 फरवरी 2019 को उनका निधन हो गया. मुंबई के एचएन रिलाइंस फाउंडेशन अस्पताल में राजकुमार ने अंतिम सांस ली.


रूमा गुहा ठाकुरता: हिंदी और बंगाला फिल्मों दिया योगदान


रूमा गुहा ठाकुरता अभिनेता और मशहूर गायक किशोर कुमार की पहली पत्नी थी. वे कोलकाता में रहती थी, यहीं पर उन्होंने अंतिम सांस ली. रूमा हिंदी सिनेमा के साथ साथ कई बांग्ला फिल्मों में भी सराहनीय योगदान दिया. उन्होंने गंगा, अभिजान, पालातक, ऐंटोनी फिरंगी, 80 ते असियो ना, बालिका बधू, दादर कीर्ती, चौरिंगी लेन, भालोबाशा भालोबाशा और व्हीलचेयर जैसी मशहूर फिल्मों में काम किया. साल 1950 में उन्होंने किशोर कुमार से शादी की थी. सिंगर अमित कुमार गांगुली किशोर और रुमा के ही बेटे हैं. यह शादी बहुत लंबी नहीं चली और 8 साल बाद ही दोनों अलग हो गए.  बंगाल की वे बड़ी हस्तियों में शुमार थीं. 3 जनवरी 2019 को उनका निधन हो गया वे 84 वर्ष की थीं.


ख्य्याम का संगीत हमेशा याद किया जाएगा


उमराव जान,कभी कभी जैसी बेहतरीन फिल्मों का संगीत रचने वाले मशहूर संगीतकार ख्य्याम का 19 अगस्त 2019 को निधन हो गया. इनका पूरा नाम मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी था. खय्याम ने फिल्म त्रिशूल, 'नूरी'  तथा 'शोला और शबनम' जैसी फिल्मों का भी संगीत तैयार किया था. उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और पद्म भूषण  से नवाजा गया था.


श्रीराम लागू: फिल्मों और रंगमंच में योगदान दिया


बॉलीवुड के मशहूर चरित्र अभिनेता और मराठी रंगमंच के महान कलाकार डा श्रीराम लागू का 17 दिसंबर 2019 को निधन हो गया. पेशे से ईएनटी सर्जन डा श्री राम लागू ने कई हिंदी फिल्मों में शानदार अभिनय किया. मराठी रंगमंच के विकास में दिए गए शानदार योगदान के कारण उन्हें नट सम्राट की उपाधि दी गई. उन्होंने 100 से अधिक हिंदी फिल्मों में अभिनय किया.