नई दिल्ली: बॉलीवुड इंडस्ट्री की यही ट्रेजेडी है कि यहां पर अच्छी फिल्मों का आंकलन बॉक्स ऑफिस से किया जाता है. 'मसान', 'अलीगढ़' से लेकर नवाजुद्दीन की 'हरामखोर' जैसी फिल्में जो गंभीर मुद्दे पर बनाई गई हैं उन्हें सराहा तो जाता है लेकिन कमाई नहीं हो पाती है. कहीं ना कहीं यही वजह है कि हर डायरेक्टर ये चाहता है कि उसकी फिल्म में अगर सुपरस्टार होतो कुछ काम बन जाए. ऐसा ही कुछ फिल्म 'जॉली एलएलबी 2' के साथ हुआ है जिसमें डायरेक्टर सुभाष कपूर ने इस बार अरशद वारसी की जगह अक्षय कुमार को लिया है.


'जॉली एलएलबी 2' इस साल की मोस्ट अवेटेड फिल्मों में से एक थी जो रिलीज हो गई है. इस फिल्म में अक्षय कुमार ने कानपुर वाले जॉली उर्फ जगदीश्वर मिश्रा की भूमिका निभाई है. ये 2013 में आई एक्टर अरशद वारसी की फिल्म ‘जॉली एलएलबी’ का सीक्वल है. इसकी कहानी पहले वाली फिल्म से ज्यादा अलग नहीं है. प्लॉट वैसा ही है बस शहर और किरदार बदल गए हैं. जज सौरव शुक्ला ही हैं. वकील बोमन ईरानी की जगह इसमें अन्नू कपूर हैं. लेकिन पूरी फिल्म देखते वक्त आपको हर समय अरशद वारसी की याद आएगी.


यहां हम आपको  बता रहे हैं पांच वजहें जो बताती है कि अरशद वारसी को फिल्म में तो अक्षय कुमार ने रिप्लेस कर लिया लेकिन जॉली के किरदार के तौर पर लोगों के दिलों से रिप्लेस नहीं कर पाएंगे.




  1. बॉलीवुड खिलाड़ी अक्षय कुमार बहुत अच्छे एक्टर हैं और ये उन्होंने फिल्म 'स्पेशल 26', 'बेबी' और 'रूस्तम' जैसी फिल्मों से साबित कर दिया है. लेकिन जब बात 'जॉली एलएलबी 2' की होती है, जॉली के किरदार में जो मासूमियत और भोलापन है जब उसकी होती है तो यहां पर अक्षय मात खा जाते हैं. अक्षय सुपरस्टार है और यही कारण है कि पर्दे पर भी वो स्टार ही नजर आते हैं. कुछ हद तक यहां अक्षय की गलती नहीं है क्योंकि इस फिल्म के मेकर्स शायद इस बार अच्छी कमाई करना चाहते हैं या फिर स्टार फैक्टर को भुनाना चाहते हों.

  2. ‘जॉली एलएलबी’ में भी अरशद वारसी अपने किरदार में ऐसे घुस गए थे कि दर्शकों को यकीन हो जाता है कि वही जॉली हैं.  मुन्नाभाई एमबीबीएस' में सर्किट का किरदार हो या फिर 'इश्कियां' में बब्बन अरशद वारसी अपने किरदार को जी जाते हैं ऐसा ही जॉली के किरदार के साथ भी उन्होंने किया. इस फिल्म में एक्सप्रेशन, लैंग्वेज, बातचीत से लेकर कपड़ों तक अरशद वारसी बिल्कुल मेरठिया लगे हैं. उन्हें एक मरेठिया को स्वीकार करने में दर्शक को ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ी थीं. लेकिन 'जॉली एलएलबी 2' में अक्षय ने पूरी कोशिश की है वो नकारा वकील दिखें जो जज के मेज तक जीतने के लिए चढ़ जाता है, लेकिन वो इसमें सफल नहीं हो पाते हैं. ये उनकी गलती नहीं बल्कि उनके स्टारडम का असर है. यही वजह है कि पूरी फिल्म में देखते समय बार-बार अरशद की याद आती है.


  3. ‘जॉली एलएलबी’ में अरशद वारसी हिट एंड रन केस लड़ते हैं. वो गुंडो से मार खाते हैं फिर भी हार नहीं मानते. वो तहकीकात करते हैं, मामले की जड़ तक जाते हैं और इन सारे सीन्स को डायरेक्टर ने पूरा समय दिया है. उसमें धीरे-धीरे स्टोरी चलती है और दर्शक को सब कुछ रीयल लगता है. लेकिन अक्षय कुमार की इस फिल्म में सब कुछ इतनी जल्दबाजी में होता है कि कुछ भी पूरा नहीं हो पाता. लखनऊ से लेकर बनारस और कश्मीर तक अक्षय पहुंच जाते हैं और सब कुछ फटाफट होता है. सारे गवाह और सबूत उन्हें आसानी से मिल जाते हैं उनके मुताबिक... जिसे हजम करना थोड़ा मुश्किल है.
    यहां प़ढ़ें- मूवी रिव्यू: 'जॉली एलएलबी– 2'

  4. फिल्म में कुछ ऐसे लॉजिक हैं जो बिल्कुल भी दिमाग के ऊपर से निकल जाते हैं. फिल्म में होली पर फिल्माया गाना तो बहुत खटकता है. कानपुर का देसी जॉली जब 'गो पागल' जैसे गाने पर ठुमके लगाता है तो वह बिल्कुल भी वास्तविक नहीं लगता. 1500 कमाने वाला जॉली स्पोर्ट्स शूज और सूट-बूट पहनता है. इतना ही नहीं वो अपनी बीवी को 'गूची' जैसे ब्रैंड के कपड़े भी पहनाता है और लाखों से नीचे कभी बात नहीं करता. ऐसा देश जहां पर तीन करोड़ केस पेंडिंग पड़े हैं सिर्फ 21 लाख जज है ऐसे में जो केस जॉली लड़ रहा है वो चार दिन में खत्म हो जाता है. थोडा़ फिल्मी हो गया है!

  5.  इससे पहले अक्षय की 'रूस्तम' में भी कोर्ट रूम ड्रामा हम देख चुके हैं. वहां पर वकील ना होते हुए भी 'रूस्तम' अपना केस खुद लड़ता है. 'रूस्तम' का कोर्ट रूम ड्रामा इससे ज्यादा बेहतर है. लेकिन यहां पर कोर्ट रूम ड्रामा बहुत ही उबाऊं है. कई ऐसे सीन हैं जहां आगे की स्टोरी जानने की बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं रह जाती. ‘जॉली एलएलबी’में अरशद और सौरभ शुक्ला की केमेस्ट्री भी जमती है. वहां बोमन ईरानी ने अपने निगेटिव किरदार में जान डाल दी है लेकिन यहां अन्नू कपूर भी नहीं जमे हैं. कोई भी फिल्म दर्शकों को तब बांधकर रखती है जब हर किरदार उसमें दम भर दे... लेकिन यहां विधवा के किरदार में सयानी गुप्ता कमजोर पड़ गई हैं तो वहीं अन्नू कपूर ढ़ीले दिखे है.


भले ही अरशद वारसी की याद दर्शकों को आए लेकिन कमाई के मामले में अक्षय कुमार का स्टार फैक्टर बॉक्स ऑफिस पर अपना जलवा जरूर दिखाएगा. इस फिल्म को अच्छी ओपेनिंग मिली है. इसके साथ कोई फिल्म भी रिलीज नहीं हुई है जिसका पूरा फायदा इस फिल्म को मिलेगा. एक तो 'जॉली एलएलबी' के सीक्वल का फैक्टर  तो दूसरा अक्षय का  स्टार फैक्टर... फिल्म तो हिट होनी ही है.