(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Zanjeer Superhit Dialogue: 'जब तक बैठने को ना कहा जाए शराफत से खड़े रहो...' ये हैं जंजीर के हिट डायलॉग्स
Zanjeer Superhit Dialogue: साल 1973 में आई अमिताभ बच्चन, जया बच्चन और प्राण स्टारर 'जंजीर' के डायलॉग्स ने फिल्मी पर्दे पर धमाल मचाकर रख दिया था.
Zanjeer Superhit Dialogue: प्रकाश मेहरा (Prakash Mehra) के द्वारा डायरेक्ट साल 1973 में आई फिल्म 'जंजीर' को दर्शकों का काफी प्यार मिला था. फिल्म में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की एक्टिंग ने धमाल मचाकर रख दिया था. इस मूवी ने आज 50 सालों का सफर पूरा कर लिया है, लेकिन आज भी दर्शक इसे बहुत दिल के साथ देखना पसंद करते हैं. फिल्म के साथ आज भी दर्शकों के बीच 'जंजीर (Zanjeer)' के सुपरहिट डायलॉग्स का एक अलग ही क्रेज है.
फिल्म के सुपरहिट डायलॉग्स
इस फिल्म के डायलॉग्स को दर्शकों का अपार प्यार मिल चुका है. वैसे तो इस मूवी के कई डायलॉग काफी मशहूर हुए थे, लेकिन व्यूअर्स को आज भी अमिताभ बच्चन के पुलिस स्टेशन में प्राण के सामने बोले गए डायलॉग, 'जब तक बैठने को न कहा जाए शराफत से खड़े रहो ये पुलिस स्टेशन है तुम्हारे बाप का घर नहीं.' को बहुत पसंद करते हैं. इस डायलॉग को बोलने के बाद ही अमिताभ बच्चन को एंग्री यंग मैन का खिताब मिल गया था.
प्राण ने भी दिया था जवाब
प्राण भी अपने टाइम के बहुत ही मंझे हुए कलाकार थे. अमिताभ के इस संवाद के बाद उन्होंने भी एक्टर को अपने ही स्टाइल में कहा, 'साहब आज तक शेर खां से किसी ने इतनी बड़ी बात नहीं कही, ये तुम नहीं तुम्हारी वर्दी, तुम्हारी कुर्सी बोल रही है, जिस दिन ये वर्दी ये कुर्सी नहीं होगी उस दिन तुम.'
अमिताभ की हिम्मत
प्राण के जवाब देने के बाद अमिताभ भी कहां पीछे रहने वाले थे. दर्शकों को अमिताभ का प्राण के एरिए में जाकर उससे भिड़ने से पहले वाले संवाद भी बहुत पसंद है जिसमे अमिताभ, प्राण से कहते हैं कि, 'यही है वो इलाका जहां लोग तुम्हें जानते हैं शेर खान, अब न तो वर्दी है न कुर्सी, और न ही मैं ड्यूटी पर हूं. इलाका तुम्हारा है और मैं अकेला हूं.'
प्राण की दोस्ती
इसके साथ फिल्म में प्राण का एक और डायलॉग बहुत मशहूर हुआ था जब वो अमिताभ के ऊपर हुए जुर्माने को देने के लिए लाला से कर्ज लेने जाते हैं और सेठ के गिर्वी रखने के सवाल पर कहते हैं कि, 'सेठ गिर्वी रखने के लिए तो हमारे पास कोई चीज नहीं है. हां एक चीज है अगर तुम उसकी कीम पहचानों तो' सेठ कहता है कि 'अरे कीमत लाला नहीं पहचानेगा तो और कौन पहचानेगा, बोल क्या है.' इसके जवाब में प्राण कहते हैं कि, 'शेर खां की मूछ का बाल.'
अजीत का अंदाज
जंजीर में अजीत के काम को भी बहुत सराहना की गई थी. दर्शक यूट्यूब पर आज भी अजीत और बिन्दु के बोले गए डायलॉग्स आज भी बहुत चॉव से सुनते हैं जब बिन्दु यानी कि 'मोना' अजीत से कहती है कि, 'तेजा मैं तुम्हें जितना भी जानती हूं लगता है कुछ भी नहीं जानती, कभी-कभी सोचती हूं इतना बड़ा कारोबार तुम अकेले संभाल लेते हो, कितने अकल और एक्सपीरियंस की बात है.' बिन्दु की बात का अजीत अपने ही अंदाज में जवाब देते है कि, 'डार्लिंग ये सब कुछ मैने पाटिल साहब से सीखा है. आज मैं जो कुछ हूं पाटिल साहब की बदौलत हूं.' अजीत के मुंह से पाटिल साहब की तारीफ सुनकर जब बिन्दु उनकी डेथ के बारे में पूछती है तो अजीत अपने चार्मिंग स्टाइल से जवाब देते हैं कि 'हम्म, मैने ही उन्हें कर दिया.'
जया बच्चन के संवाद
इन सबके साथ जया बच्चन (Jaya Bachchan) ने अपनी अदाएगी (Acting) से कमाल कर दिया था. फिल्म (Movie) के एक सीन में जब अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) एक्ट्रेस से उनकी शादी का सवाल करते हैं तो जया कॉमेडी भरे अंदाज में जवाब देती हैं कि, 'किससे करूं साहब, साहब मेरा थोपढ़ा देखों मुझसे कौन करेगा शादी, अपुन को तो कोई तो नहीं मिला.'
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