50 Years of Amitabh Bachchan Zanjeer: शेक्सपियर की पंचलाइन 'नाम में क्या रखा है' अक्सर लोग दोहराते नजर आते हैं, लेकिन नाम के चक्कर में ऐसे-ऐसे काम कर जाते हैं कि सुनने वाले सिर्फ हैरानी जताने लायक ही रहते हैं. कुछ ऐसा ही किस्सा सलीम-जावेद का भी है, जिन्होंने अपने नाम के चक्कर में पूरी मुंबई में हलचल मचा दी थी. दरअसल, आज अमिताभ बच्चन की फिल्म जंजीर के 50 साल पूरे हो गए हैं. ऐसे में हम आपको सलीम-जावेद की बेहतरीन जोड़ी के उस किस्से से आपको रूबरू करा रहे हैं.
हिंदी सिनेमा में एक दौर ऐसा भी था, जब सलीम-जावेद के डायलॉग्स के बिना फिल्म को अधूरा माना जाता था. यही वजह रही कि दोनों ने यादों की बारात, जंजीर, दीवार, त्रिशूल, काला पत्थर, दोस्ताना, सीता और गीता, शोले समेत तमाम ब्लॉकबस्टर फिल्मों में साथ काम किया. हालांकि, जंजीर की रिलीज के दौरान उन्होंने ऐसा कदम उठा लिया, जो नजीर बन गया. दरअसल, जंजीर की स्क्रिप्ट पर सलीम-जावेद को काफी ज्यादा भरोसा था. उनका मानना है कि उन्होंने ब्लॉकबस्टर स्क्रिप्ट लिखी है, जिसका उन्हें क्रेडिट मिलना चाहिए और जंजीर के पोस्टरों पर उनका नाम जाना चाहिए.
फिल्म के पोस्टर पर नाम लिखवाने की मांग की
यह किस्सा साल 1973 का है, जब फिल्म जंजीर बन रही थी. उस दौरान सलीम और जावेद ने फिल्म के डायरेक्टर-प्रॉड्यूसर प्रकाश मेहरा से बातचीत की और उनके नाम फिल्म के पोस्टर पर लिखवाने की मांग की. हालांकि, प्रकाश मेहरा ने साफ इनकार कर दिया.
अरबाज खान के शो द इंविंसिबल में जावेद अख्तर ने बताया था, 'एक दिन हमने प्रकाश मेहरा से कहा कि हमारे नाम भी पोस्टर पर होने चाहिए. उन्होंने स्पष्ट तौर पर इनकार कर दिया और कहा कि राइटर्स के नाम? ऐसा होता है कभी?'
शराब के नशे में बनाया हैरतअंगेज प्लान
जावेद अख्तर के मुताबिक, 'एक दिन सलीम खान नशे में थे, तब उनके दिमाग में एक आइडिया आया. सलीम साहब ने सिप्पी फिल्म्स के एक लड़के को दो जीप और पेंट लेकर बुलाया. साथ ही, पूरी मुंबई में जंजीर के सभी पोस्टरों पर 'रिटेन बाई सलीम-जावेद' लिखने के लिए कह दिया.
अगली सुबह पूरी मुंबई में हलचल मची हुई थी, क्योंकि जंजीर के पोस्टरों पर अमिताभ की नाक, जया के चेहरे और प्राण के माथे पर सलीम-जावेद का नाम लिखा हुआ था. हर किसी ने चुप्पी साध ली थी, क्योंकि हमने फिल्म इंडस्ट्री में नया ट्रेंड सेट कर दिया था.' बता दें कि इस घटना के बाद सलीम-जावेद को अपनी फिल्मों के पोस्टरों पर क्रेडिट मिलने लगा.
कैसे बनी थी सलीम-जावेद की जोड़ी?
अब सवाल उठता है कि फिल्म इंडस्ट्री की सबसे सफल सलीम-जावेद की जोड़ी आखिर बनी कैसे थी? जावेद अख्तर इस बारे में भी खुलकर बात कर चुके हैं. उन्होंने बताया था कि मैंने और सलीम ने कभी टीम बनाने को लेकर प्लानिंग नहीं की थी. यह तो खुद-ब-खुद हो गया था. हम दोनों ही कभी एक साथ नहीं बैठे और न ही कुछ ऐसा तय किया कि हम दोनों पार्टनर बनेंगे. यह सबकुछ अपनेआप हो गया था. दरअसल, हम एक-दूसरे को अच्छी तरह समझते थे. बता दें कि सलीम और जावेद की हिट जोड़ी करीब 11 साल बाद टूटी.
आखिर क्यों टूटी थी यह हिट जोड़ी?
अब यह भी सवाल उठता है कि 11 साल तक 23 हिट फिल्में देने के बाद सलीम और जावेद के बीच ऐसा क्या हुआ कि उनकी जोड़ी टूट गई? कहा जाता है कि इस जोड़ी के टूटने की वजह अमिताभ बच्चन ही थे. जानकार बताते हैं कि सलीम-जावेद ने एक स्क्रिप्ट लिखी, जिस पर मिस्टर इंडिया बनी. यह स्क्रिप्ट अमिताभ को सुनाई गई, जो उन्हें पसंद नहीं आई. बिग बी का कहना था कि लोग उन्हें पर्दे पर देखने आते हैं. सिर्फ उनकी आवाज कौन सुनेगा? मराठी किताब 'यही रंग यही रूप' में इस किस्से का जिक्र किया गया है.
किताब में लिखा है कि अमिताभ के इनकार से जावेद अख्तर को बेइज्जती महसूस हुई. उनका मानना था कि उन्हें और सलीम को अब अमिताभ के साथ काम नहीं करना चाहिए, लेकिन सलीम खान इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं थे. कहा जाता है कि कुछ दिन बाद अमिताभ के घर हुई होली पार्टी में जावेद अख्तर पहुंचे और उन्होंने कहा कि सलीम खान अब उनके साथ काम नहीं करना चाहते. बस इसी गलतफहमी की वजह से यह जोड़ी टूट गई.
जोड़ी टूटने पर जावेद और सलीम ने कही थी यह बात
सलीम-जावेद की जोड़ी टूटने का दर्द जावेद अख्तर कई दफा बयां कर चुके हैं. एक बार उन्होंने कहा था कि हमारी जोड़ी की उम्र हो गई थी, इसलिए हमारी जोड़ी को टूटना ही था. वहीं, बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने कहा था, 'जब कामयाबी आई तो नए नए लोग जिंदगी में आना शुरू हो गए और वो सर्कल धीरे-धीरे अलग हो गया. तो वो मेंटल रैपो था हमारा, वो टूट गया. तो फिर वो काम नहीं हो सकता था.' वहीं, सलीम खान ने इस मसले पर कहा था, 'हर डिब्बे पर एक्सपायरी लिखी होती है. शायद इस रिश्ते की भी डेट लिखी हुई थी.'