50 Years of Film Zanjeer: आज कहानी एक ऐसी फिल्म की, जिसमें काम करने के लिए कोई भी सुपरस्टार राजी नहीं था. जिस शख्स को फिल्म का हीरो चुना गया, उससे पहले वह लगातार 12 फ्लॉप का दर्द झेल चुका था. ऐसे में कोई भी हीरोइन उस हीरो के साथ काम करने के लिए तैयार नहीं थी. यूं कह लीजिए कि कहानी के आगाज से लेकर फिल्म के अंजाम तक की स्क्रिप्ट भी सलीम-जावेद ने लिखी थी. आज वही फिल्म अपने सफर के 50 साल पूरे कर चुकी है तो आइए जानते हैं कि कैसे इस फिल्म ने सुपरफ्लॉप का तमगा हासिल कर चुके अमिताभ की किस्मत को 'जंजीर' से बांधकर रख लिया...
'जंजीर' से मुट्ठी में ऐसे आई किस्मत
अमिताभ बच्चन... बात एक्टिंग की हो या आवाज की... 80 साल की उम्र में भी यह शख्स नए-नए कलाकारों को तगड़ा कॉम्पिटिशन देता है, लेकिन बिग बी की जिंदगी में हर दौर ऐसा नहीं था. एक वक्त ऐसा भी रहा, जब उन्हें कोई काम देने के लिए तैयार नहीं था. फिर अमिताभ की जिंदगी में एक ऐसी फिल्म आई, जिसने न सिर्फ उनकी किस्मत को हीरे की तरह चमका दिया, बल्कि उन्हें एंग्री यंगमैन के तमगे के साथ-साथ सुपरस्टार का दर्जा भी दिला दिया.
अमिताभ की 12 फिल्में हो चुकी थीं फ्लॉप
अमिताभ ने सात हिंदुस्तानी से अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर पानी भी नहीं मांग पाई. इसके बाद लगातार 11 फिल्में भी अमिताभ के लिए कुछ खास नहीं रहीं. फिर उनकी किस्मत में जंजीर आई, लेकिन इसकी कहानी भी बेहद दिलचस्प है. दरअसल, अमिताभ को 'जंजीर' इतनी आसानी से नहीं मिली थी और वह इस फिल्म के लिए पहली पसंद तो कतई नहीं थे.
अमिताभ की किस्मत में कैसे आई जंजीर?
- डायरेक्टर प्रकाश मेहरा जब जंजीर की स्टार कास्ट चुन रहे थे तो हीरो के किरदार के लिए उनके मन में कोई शक नहीं था. वह तो बॉलीवुड के उस वक्त के हैंडसम हंक धर्मेंद्र के नाम पर मुहर लगा चुके थे और हर हाल में उनके साथ ही यह फिल्म करना चाहते थे. अब कहानी में ट्विस्ट ही यहीं से आ गया. धर्मेंद्र किसी दूसरी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे तो उन्होंने जंजीर में बंधने से साफ इनकार कर दिया. फिल्म छोड़ने का मलाल धर्मेंद्र कई बार जता चुके हैं.
- धर्मेंद्र ने आप की अदालत में भी इस बारे में बात की थी. उन्होंने कहा था, 'मेरी कजिन सिस्टर ने एक फिल्म के प्रकाश मेहरा को अप्रोच किया था लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया था. इस बात को लेकर उसने मुझे कसम दे दी कि मैं उनकी फिल्म में काम ना करुं. मेरे घरवालों ने भी मना किया.'
- धर्मेंद्र के मना करने पर प्रकाश मेहरा ने हीरो के लिए नए विकल्प ढूंढने शुरू कर दिए. वह राजकुमार और देव आनंद जैसे दिग्गज कलाकारों से मिले और फिल्म की कहानी सुनाई. हालांकि, कोई भी प्रकाश मेहरा का साथ नहीं दे पाया, क्योंकि इस फिल्म को न करने के लिए हर किसी के पास अपनी-अपनी वजह थी.
- अब प्रकाश मेहरा के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि उनकी स्क्रिप्ट तैयार थी, लेकिन फिल्म की सबसे मजबूत कड़ी यानी हीरो की तलाश ही पूरी नहीं हो पा रही थी और उनका यह सफर बॉम्बे टू गोवा की बस ने पूरा करा दिया. दरअसल, प्रकाश मेहरा एक दिन बॉम्बे टू गोवा फिल्म देख रहे थे. उन्होंने अमिताभ बच्चन की एक्टिंग देखी तो जोर से चिल्लाए कि 'जंजीर' के लिए हीरो मिल गया.
फ्लॉप हीरो अमिताभ के साथ काम नहीं करना चाहती थी कोई एक्ट्रेस
जंजीर के लिए हीरो तो मिल चुका था, लेकिन हीरोइन चुनना भी आसान नहीं था. पहली बात तो यह थी कि फिल्म की कहानी में एक्ट्रेस का किरदार न के बराबर था. वहीं, उस दौर की कोई भी अभिनेत्री लगातार 12 फ्लॉप दे चुके कलाकार के साथ काम करके अपने करियर को खतरे में डालने के लिए तैयार नहीं थी. बेहतरीन डायलॉग्स लिखकर जंजीर में खुद को हीरो से भी ज्यादा अहम समझने वाले सलीम और जावेद ने ही इस मुश्किल का भी हल निकाला. दरअसल, पहले उन्होंने ही हीरो यानी अमिताभ बच्चन का नाम प्रकाश मेहरा को सुझाया था और अब हीरोइन को पटाने की जिम्मेदारी भी खुद संभाल ली.
सलीम खान ने उस दौर की दिग्गज अदाकारा जया भादुड़ी को स्क्रिप्ट सुनाने खुद उनके फ्लैट पर पहुंचे. एक इंटरव्यू में इस मुलाकात का जिक्र करते हुए सलीम खान ने कहा था, 'जया जी को 'जंजीर' की कहानी सुनाने मैं उनके फ्लैट पर पहुंचा था. मुझे यकीन था वो ये जानकर फिल्म रिजेक्ट नहीं करेगी कि सामने हीरो कौन है? कहानी सुनने के बाद जया का रिएक्शन भी तमाम हीरोइन जैसा था. उन्होंने भी कहा कि इस फिल्म में मेरे लिए तो कुछ भी नहीं है. जया की सुनकर सलीम खान ने कहा, 'मैं जानता हूं कि फिल्म में आपके करने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन फिल्म के हीरो अमिताभ बच्चन हैं. मुझे उम्मीद है उनके लिए आप ये फिल्म जरूर करेंगी.'
सलीम की ये बात सुनकर जया भादुड़ी ने तुरंत फिल्म के लिए हां कर दी'. बस... सलीम और जावेद ने अपनी जिंदगी का एक ऐसा डायलॉग रच दिया, जो भले ही किसी फिल्म में नहीं बोला गया, लेकिन उन्होंने सिनेमा को उनका एंग्री यंगमैन... सुपरस्टार और जया भादुड़ी को उनका प्यार दे दिया.
जंजीर और विजय का कनेक्शन
'जंजीर' में अमिताभ बच्चन ने पुलिस इंस्पेक्टर बने और उनका नाम विजय श्रीवास्तव रखा गया. फिल्म में बिग बी की चाल-ढाल और डायलॉग डिलिवरी का जादू इस कदर चला कि अमिताभ को बॉलीवुड में 'विजय' मिल गई.
उन्हें बॉलीवुड का एंग्री यंगमैन कहा जाने लगा. जंजीर ने न सिर्फ अमिताभ के डूबते करियर को संभाला, बल्कि उनकी किस्मत को भी इस कदर बांधकर रख लिया कि वह फर्श से अर्श तक पहुंच गए. खुद अमिताभ को विजय नाम इतना ज्यादा पसंद आया कि 22 फिल्मों में उन्होंने अपना यही नाम रखा.
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