Zeenat Aman: इंस्टाग्राम पर जीनत अमान अक्सर अपनी यादों के पिटारे से कुछ खास लेकर आती हैं. इसी साल इंस्टा पर डेब्यू करने वाली जीनत अमान अपने जमाने के कई किस्से यहां शेयर करती हैं. पिछली बार जीनत अमान ने अपने पोस्ट में देव आनंद के साथ अपनी पहली फिल्म और स्टार बनने तक के सफर को शेयर किया था. जिसके बाद उन्होंने अपनी कहानी रोकते हुए देव साहब के साथ अपना किस्सा अगली बार शेयर करने की बात कही थी. अब जीनत ने एक और पोस्ट शेयर किया है. जिसमें उन्होंने राज कपूर के साथ अपने रिश्तों की बात करते हुए देव आनंद से हुई गलती के बारे में भी बताया और ये भी खुलासा किया कि देव आनंद की ऑटोबायोग्राफी के बाद वो कितना आहत और अपमानित महसूस कर रही थीं.


देव आनंद को हुई थी गलतफहमी - जीनत अमान
जीनत अमान ने हाल ही में इंस्टा पोस्ट के जरिए बताया कि देव आनंद को गलतफहमी हुई थी. बता दें कि देवआनंद ने 2007 में अपनी ऑटोबायोग्राफी लिखी थी. जिसमें उन्होंने जीनत अमान और राज कपूर के रिश्ते के बारे में भी लिखा था. इससे जीनत को काफी ठेस पहुंची थी.






देव साहब ने किया था लॉन्च - जीनत अमान
देव आनंद के साथ एक पिक्चर शेयर करते हुए जीनत अमान ने लिखा, 'जब भी मैं अपने बॉलीवुड करियर की तरफ देखती हूं तो समझती हूं कि वो दिलीप कुमार, राज कपूर और देव आनंद का गोल्डन दौर था. इन्हीं स्टार्स ने हिंदी सिनेमा को राह दिखाई. देव साहब ने मुझे पहले ही लॉन्च कर दिया था. अब मैं अपने करियर में आगे बढ़ने लगी थी. कुछ साल बाद मैं उनके बिना कुछ फिल्मों में नजर आई.'


देव साहब चीजों को गलत तरीके से समझ रहे थे - जीनत अमान
जीनत अमान ने आगे लिखा, 'साल 1973 में आई राज कपूर की फिल्म 'बॉबी' ब्लॉकबस्टर साबित हुई. मैं डॉक्टर साहब को पहले से जानती थी और उनके साथ 'गोपीचंद जासूस' और 'वकील बाबू' जैसी फिल्मों का हिस्सा रह चुकी थी. मैं उनके साथ काम करना चाहती थी और आरके बैनर का हिस्सा बनना चाहती थी. मुझे राज साहब की 'सत्यम शिवम सुंदरम' फिल्म कैसे मिली, इस बारे में सभी जानते हैं. मैं इस फिल्म के लिए पूरी मेहनत करना चाहती थी और जी जान एक कर देना चाहती थी, लेकिन मुझे इस बात की खबर नहीं थी कि देव साहब इन चीजों को गलत तरीके से समझ रहे हैं.'


देव आनंद की बातों से आहत थी जीनत
देव आनंद के बारे में जीनत ने आगे लिखा, 'देव आनंद ने अपनी ऑटोबायोग्राफी रोमांसिंग विद लाइफ में बताया था कि वो मुझसे प्यार करते थे और राज साहब के साथ मेरी नजदीकियां उन्हें पसंद नहीं थीं, तब ये जानकर मैं हैरान हो गई थी. मैं अपमानित महसूस कर रही थी और घबरा गई थी. जिन देव साहब को मैंने इतनी इज्जत दी, उन्हें अपना मेंटर समझा, उन्होंने न सिर्फ मेरे बारे में ऐसी बातें की, बल्कि उसे दुनिया के लिए पब्लिश भी कर दी. कई हफ्ते तक इस बारे में मुझे लोगों के फोन आते थे और वो पूछते थे कि यह क्या हो गया.'


देव आनंद की आभारी रहेंगी जीनत अमान
जीनत ने लिखा, 'देव साहब की वो किताब मैंने कभी नहीं पढ़ी और गुस्से में वो कॉपी स्टोर में रख दी. ये एक बहुत बड़ी गलतफहमी थी. इस बात से मैं काफी शर्मिंदा हो गई थी. मैंने इस बारे में कई साल तक कहीं भी बात नहीं की, लेकिन अब मुझे अपनी बात को कहने के लिए सही प्लेटफार्म मिला है और समय भी. इंसानों द्वारा गलतियां होना स्वाभाविक है. हर किसी से गलती हो जाती है. मैं देव साहब को हमेशा दुर्लभ प्रतिभा के धनी व्यक्ति के तौर पर याद रखूंगी. मैं उनकी हमेशा आभारी हूं.'


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