Zero Movie: शाहरुख खान, अनुष्का शर्मा और कैटरीना कैफ की फिल्म ज़ीरो आज रिलीज हो गई है. इनके फैंस को लंबे वक्त से इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार था. इस कहानी के मुख्य किरदार बउआ सिंह (शाहरुख खान) है. बउआ सिंह मेरठ का रहने वाला एक लड़का जो कद से तो बौना है. लेकिन उसके सपने बहुत ऊंचे हैं. बउसा सिंह फिल्म में सभी का बहुत लाडला है और वो दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की को पाना चाहता है.


बउआ की अपने पिता के साथ कुछ खास बनती नहीं है और उन दोनों के बीच अक्सर अनबन होती रहती है. बउआ को फिल्म एक्ट्रेस बबिता सिंह (कैटरीना कैफ) बहुत पसंद है. वो अपने दोस्तों के साथ उसकी हर फिल्म देखता है. लेकिन उसे आफिया से प्यार हो जाता है. फिल्म में आफिया का रोल अनुष्का शर्मा निभा रही हैं. आफिया शरीर से तो अपंग है लेकिन उसका दिमाग काफी तेज है. वो एक साइंटिस्ट है.



बउवा आफिया को इंप्रेस करने के लिए हर एक हुनर को आजमाता है. बात शादी तक पहुंच जाती है, लेकिन बउवा तो बॉलीवुड स्टार बबिता सिंह का फैन है. वो शादी से भाग जाता है और बबिता सिंह के पास पहुंच जाता है. बबिता अपने जीवन के अनुभव के साथ बउआ को बड़े ही नायब तरीके से अपने प्यार तक वापस ले जाती है. क्या बउआ को अपना प्यार मिल पाता है? क्या कुछ होता है उसकी ज़िन्दगी में? यह देखना दिलचस्प रहेगा.

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क्यों देखें ये फिल्म

- तनु वेड्स मनु और रांझणा जैसी फिल्में दे चुके आनंद लिए राय ने जीरो में किरदारों के साथ न्याय किया है. बउआ सिंह के जीरो से हीरो तक के इस सफर को काफी मनोरंजक तरीके से पेश किया है
- रोमांस के बादशाह शाहरुख़ हैं और जब शाहरुख परदे पर रोमांस करते है तो इश्क़ का कद बढ़ जाता है. बउआ सिंह के किरदार में शाहरुख़ इतने प्यारे लगे हैं कि फिल्म के शुरुआती 10 मिनट में ही आपको उनसे प्यार हो जाता है.
- फिल्म में कॉमेडी और इमोशन का जबरदस्त कॉकटेल बनाया गया है.
- अनुष्का शर्मा चैलेंज लेना जानती हैं एयर फिजिकली चैलेंज आफिया के किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है.
- फिल्म के लेखक हिमांशु ने कहानी को बहुत अच्छे तरह बांधे रखा है.

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इन जगहों पर किया जा सकता था सुधार

- फिल्म में सभी किरदारों ने बहुत ही अच्छी एक्टिंग की है लेकिन फिर भी फिल्म देखने लायक नहीं बन पाई है.
-फिल्म का फर्स्ट पार्ट बहुत ही इंटरटेनिंग और जबरदस्त है. लेकिन सेकेंड हाफ में जैसे ही फिल्म मुंबई से होते हुए अमेरिका पहुंचती है उसके बाद तो फिल्म में इतना कुछ होता है कि इंटररेस्ट ही खत्म हो जाता है. कहानी बिखरती हुई चली जाती है.
- बउवा सिंह का अमेरिका पहुंचना, नासा के ऑफिस में चल रहा सीरियल जैसा ड्रामा और फिर चांद तक जाना... इसके अलावा भी कई ऐसी चीजें दिखाई गई हैं जो बहुत ही ज्यादा नाटकीय लगता है.
-शाहरुख खान की पिछली फिल्म 'हैरी मेट सेजल फ्लॉप' हो गई थी. इम्तियाज अली के डायरेक्शन के बावजूद ये फिल्म देखने लोग नहीं पहुंचे. उससे पहले 'रईस' में भी वो कुछ खास कमाल नहीं कर पाए. अच्छे डायरेक्टर्स और दमदार एक्टर्स होने के बावजूद आखिर शाहरुख की फिल्मों में कहां चूक हो रही है इस पर उन्हें सोचने की जरुरत है.


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