जानें -आखिर किस टेक्नीक के जरिए फिल्म ZERO में बौने बने शाहरुख खान
ZERO MOVIE: 26 साल के करियर में ऐसा पहली बार हुआ है जब शाहरुख ने ऐसा रोल चुना है. उनका ये किरदार फिल्म की रिलीज से पहले ही काफी पॉपुलर हो चुका है. क्या आपको पता है कि इस किस टेक्नीक के जरिए पांच फीट 8 इंच (5’ 8”) के शाहरुख खान को चार फीट 6 इंच (4’ 6”) का बना दिया गया. आपको बताते हैं-
ZERO MOVIE: इस साल की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'ज़ीरो' रिलीज हो गई है. पिछले साल से ही फिल्म काफी चर्चा में रही है क्योंकि इसमें बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान ने चार फीट 6 इंच के बौने बउवा सिंह का किरदार निभाया है. एक सुपरस्टार के लिए ये बहुत ही रिस्की रोल है और साथ ही चुनौतीपूर्ण भी है. 26 साल के करियर में ऐसा पहली बार हुआ है जब शाहरुख ने ऐसा रोल चुना है. उनका ये किरदार फिल्म की रिलीज से पहले ही काफी पॉपुलर हो चुका है. बउवा सिंह ट्विटर पर भी है और लोगों से मस्ती भरे अंदाज में बात करता है. लेकिन क्या आपको पता है कि इस किस टेक्नीक के जरिए पांच फीट 8 इंच (5’ 8”) के शाहरुख खान को चार फीट 6 इंच (4’ 6”) का बना दिया गया. आपको बताते हैं-
- ज़ीरो फिल्म में Forced Perspective टेक्नीक का इस्तेमाल किया गया है. दरअसल ये टेक्नीक Optical illusion बनाती है जिससे कोई इंसान या वस्तु वास्तविक आकार से छोटा या बड़ा दिखाई देने लगता है. ऐसे दृश्यों की शूटिंग दो बार होती है. एक बार जिसे छोटा दिखाना है उसके एंगल से शूटिंग होती है और दूसरी बार बाकी लोगों को आम दिखाने के लिए होती है.
- 'ज़ीरो' फिल्म में ये सारा काम शाहरुख की कपंनी रेड चिलिज इंटरटेनमेंट के करीब 450 लोगों ने मिलकर किया है. कुछ समय पहले शाहरुख ने खुद ही बताया था, ''सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पुरी दुनिया में बनने वाली फिल्मों में ये सबसे एडवांस विजुअल इफेक्ट्स वाली फिल्म है. मेरी ही कंपनी ने इसे बनाया है और इसमें करीब दो साल लगे हैं. हर बार ऐसी फिल्म नहीं बनती. वक्त लगता है, बहुत पैसा खर्च होता है.''
- ज़ीरो फिल्म में सीजी ट्रैकर्स (CG trackers) की मदद से भी शाहरुख को छोटा दिखाया गया है. शूटिंग के वक्त इस ट्रैकर को शरीर में लगा दिया जाता है. जो सीन शूट हुआ है उसेकी मदद से टीम 3डी इमेज क्रिएट करती है.
फिल्म देखते समय कहीं से भी ऐसा नहीं लगता कि ये नकली है, या फिर बउवा सिंह वास्तविक नहीं है. फिल्म में इस्तेमाल किए गए वीएफएक्स बहुत असली लगते हैं हर किसी ने उसकी तारीफ की है. शाहरुख खान ने कुछ समय पहले कहा था कि वो इस फिल्म से एक लेवल सेट करना चाहते हैं. वो नहीं चाहते कि कोई फिल्म देखकर ये कहे कि इंडिया में सब चलता है. शाहरुख ने कहा था, ''हमारे पास टेक्नॉलजी है और टेक्निशियन भी हैं जो वर्ल्ड क्लास प्रोडक्ट बना सकें. इस फिल्म के बहुत से लोगों को हमने ट्रेनिंग दी है.
हॉलीवुड की कई फिल्मों में हो चुका है इस्तेमाल
आपको बता दें कि हॉलीवुड पहले से ही इस टेक्नीक का इस्तेमाल कर रहा है लेकिन बॉलीवुड में पहली बार शाहरुख की इस फिल्म में इस टेक्नीक का इस्तेमाल किया गया है. हॉलीवुड फिल्म 'द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स' और हैरी पॉटर में भी इस टेक्नीक का इस्तेमाल किया गया है.
बौने का किरदार निभाने वाले SRK चौथे भारतीय अभिनेता
शाहरुख खान चौथे स्टार हैं जो पर्दे पर बौने के रोल में दिखाई दे रहे हैं. इससे पहले कमल हासन, अनुपम खेर और जॉनी लीवर बौने के रोल में नज़र आ चुके हैं लेकिन ऐसी एडवांस टेक्नीक का इस्तेमाल कोई नहीं कर पाया. 1989 में फिल्म 'अपूर्व सहोदरंगल' में कमल हासन बौने के किरदार में दिखे. 2001 में रिलीज हुई फिल्म आशिक में जॉनी लीवर और 2006 में आई फिल्म 'जानेमन' में अनुपम खेर बौने के किरदार में दिखे थे. इन कलाकारों ने पैर मोड़कर एक्टिंग की थी ताकि छोटा दिख सकें. 'अपूर्व सहोदरंगल' के डायरेक्टर ने फिल्म रिलीज के काफी समय बाद बताया था कि इसके लिए खास तरह के जूते बनवाए गए थे जिसमें घुटने मोड़कर फिट हुआ जा सके और उसके साथ आर्टिफिशयल पैर भी लगे हुए थे.
दमदार एक्टिंग के बावजूद कहानी में मात खा गए शाहरुख
आपको बता दें कि ज़ीरों में शाहरुख खान ने बउवा के कैरेक्टर को बहुत ही शानदार ढंग से निभाया है. इस कैरेक्टर को इतना जीवंत करने के लिए हर कोई शाहरुख की तारीफ कर रहा है. बउवा सिंह का कद जरुर छोटा है लेकिन कॉन्फिडेंस इस कदर भरा है कि वो सुपरस्टार बबिता सिंह (कैटरीना कैफ) के घर तक पहुंच जाता है. प्यार पाने के लिए वो चांद पर जाने से भी गुरेज नहीं करता.
दुनिया वालों!! आज ये बऊआ सिंह पूरे हिंदुस्तान का सपना सच कर आया है!! चाँद को चूम आया है!!
— Bauua (@BauuaSingh) December 5, 2018
सभी कलाकारों ने अच्छी एक्टिंग की है लेकिन फिर भी फिल्म उतनी अच्छी नहीं बन पाई जिसकी उम्मीद की जा रही थी. फिल्म की कहानी नई है लेकिन लेकिन मेकर्स उसे उसे पर्दे पर सही ढ़ंग से उतार नहीं पाए हैं. फिल्म का फर्स्ट पार्ट बहुत ही इंटरटेनिंग और जबरदस्त है. इसके डायलॉग्स अच्छे हैं, जिस तरीके से कहानी को प्रेजेंट किया गया है उसमें ह्यूमर है और देखने में मजा आता है. लेकिन सेकेंड हाफ में जैसे ही फिल्म मुंबई से होते हुए अमेरिका पहुंचती है उसकी कहानी बिखरती चली जाती है. पढ़ें रिव्यू- Zero Movie Review
NASA में हुई क्लाइमैक्स की शूटिंग फिल्म के सेकेंड हाफ में ज्यादातर नासा ही कहानी है. क्लाइमैक्स को अनुष्का, माधवन और शाहरुख ने नासा में शूट किया. फिल्म का बाकी हिस्सा यूनिवर्सल स्टुडियो में फिल्माया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म के क्लाइमैक्स को शूट करने में करीब 45 दिन लगे. स्वदेश के बाद ये दूसरी फिल्म है जिसकी शूटिंग शाहरुख खान ने नासा में की है.