जिहाल-ए -मिस्कीं मकुन बरंजिश: बेहद गहरा है 80 के दशक के इस मशहूर गाने का मतलब, लता मंगेशकर ने दी थी आवाज
Zihal-e-Miskin Makun Baranjish: फिल्म 'गुलामी' के इस गाने को सुनकर एक अलग ही एहसास होता है. वास्तव में गुलजार ने इस सुंदर गीत की रचना की थी, जो साहित्य प्रेमियों के लिए एक शानदार खजाना है.
Zihal-e-Miskin Makun Baranjish: संगीत साम्राज्ञी लता मंगेशकर के जितने भी फैंस होंगे उन्होंने उनका गाना 'जिहाल-ए -मिस्कीं मकुन बरंजिश' जरूर सुना होगा. 1985 में जेपी दत्त के निर्देशन में बनी फिल्म 'गुलामी' रिलीज हुई थी. फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, धर्मेंद्र, अनीता राज, नसीरुद्दीन शाह, रीना रॉय और स्मिता पाटिल महत्वपूर्ण भूमिकाओं में थे. उस फिल्म के इस मधुर गीत ने तुरंत फैंस का दिल जीत लिया. इस गाने को लता मंगेशकर और गायक शब्बीर कुमार ने उनका साथ दिया. गाने का म्यूजिक लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया था.
फिल्म 'गुलामी' के इस गाने को सुनकर एक अलग ही एहसास होता है. वास्तव में गुलजार ने इस सुंदर गीत की रचना की थी, जो साहित्य प्रेमियों के लिए एक अनुपम खजाना है. क्योंकि इस गाने का गहरा अर्थ है. जो बहुत से लोग नहीं जानते होंगे. गुलजार के लिखे इस गाने का मतलब भले ही फैन्स न समझें, लेकिन उन्होंने इस खूबसूरत गाने को अपने दिल में बसा लिया है. आइए जानते हैं इस दिल को छू लेने वाले गाने के मायने.
अमीर खुसरों की मशहूर पंक्तियों से था प्रेरित
गुलज़ार साहब ने यह गीत एक कविता की एक पंक्ति से प्रेरित होकर लिखा था. जो युगों युगों से लोगों के जेहन में बसी है. महान कवि अमीर खुसरो की एक प्रसिद्ध कृति है. उन्होंने इसकी रचना फारसी और ब्रजभाषा के मेल से की थी. अमीर खुसरो के लिखी कविता की पंक्तिया हैं -
ज़िहाल-ए मिस्कीं मकुन तगाफ़ुल,
दुराये नैना बनाये बतियां...
कि ताब-ए-हिजरां नदारम ऐ जान,
न लेहो काहे लगाये छतियां...
मगर इस सुरम्य रचना का अर्थ क्या है? आइए उस पर एक नजर डालते हैं. इसका मतलब है, “आंखे फेरके और बातें बनाके मेरी बेबसी को नजरअंदाज (तगाफ़ुल) मत कर. हिज्र (जुदाई) की ताब (तपन) से जान नदारम (निकल रही) है तुम मुझे अपने सीने से क्यों नही लगाते!"
आमिर खुसरो की रचना से प्रेरित होकर, गीतकार गुलज़ार ने उस पंक्ति के कुछ हिस्सों का उपयोग करते हुए फिल्म 'गुलामी' के लिए गीत लिखा. जिसकी पंक्तियां थीं:
जिहाल-ए-मिस्कीं मकुन बरंजिश,
बेहाल-ए -हिजरा बेचारा दिल है...
सुनाई देती है जिसकी धड़कन,
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है...
लगभग 90 प्रतिशत लोग गीत की पहली दो पंक्तियों को नहीं समझ पाते हैं. जिसका अर्थ कुछ इस प्रकार है - "मेरे दिल का थोड़ा ध्यान करो इससे रंजिश (नाराजगी) न रखो इस बेचारे ने अभी बिछड़ने का दुख सहा है."
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