‘तुम तो ठहरे परदेसी’ गाना गाकर रातों रात हिट हुए थे Altaf Raja, जानिए आज कल कहां हैं?
अल्ताफ राजा ‘तुम तो ठहरो परदेसी' गाने से लोगों के दिलों में छा गए थे. उनके इस गाने को आए तो काफी साल हो गए हैं, लेकिन लोग अब भी इसे सुनना पसंद करते हैं.
Tum To Thahre Pardesi: हमारे देश में कई ऐसे गायक हैं, जिन्होंने अपनी आवाज़ से सीधा लोगों के दिलों में जगह बनाई है. ऐसे ही गायकों में नाम आता है अल्ताफ राजा (Altafa Raja) का, जो एक जाने माने सिंगर हैं. इन्होंने 90 के दशक में गायकी की शुरूआत की और इनका पहला ही गाना इस कदर हिट हुआ कि ये रातों रात स्टार बन गए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अल्ताफ राजा अब कहां हैं?
‘तुम तो ठहरो परदेसी’ गाकर हुए थे हिट
अल्ताफ (Altafa Raja) का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था, जहां उनके माता-पिता कव्वाली गाते थे, लेकिन इसके बावजूद कभी भी अल्ताफ ने सिंगिंग के बारे में नहीं सोचा था. हालांकि एक बार वो फिरोज़ खान और नरगिस की फिल्म 'रात और दिन' का गाना 'दिल की गिरह खोल दो सुन रहे थे जो इनके दिल को छू गया जिसके बाद इन्होंने ठान लिया कि अब तो सिंगर ही बनना है.
अल्ताफ (Altafa Raja) ने साल 1994 में रिलीज़ हुए गाने ‘तुम तो ठहरो परदेसी’ (Tum To Thahre Pardesi) से अपने सिंगिंग करयिर की शुरूआत की थी. हालांकि उनका पहला ही गाना इस कदर हिट हुआ की वो रातों रात स्टार बन गए और उनका ये गाना हर उम्र के लोगों के दिलों के साथ-साथ जुबां पर छा गया.
उनका ये गाना इंडिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला सोलो एलबम है. वहीं इसके पॉपुलैरिटी को देखते हुए इसका नाम ‘गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में भी दर्ज है. ‘तुम तो ठहरो परदेसी’ ने रातों रात अल्ताफ राजा (Altafa Raja) को सबकी नज़रों में ला दिया था और उनका नाम बड़े गायकों में शुमार होने लगा था. तो चलिए अब हम आपको बताते हैं कि अलताफ राजा अब कहां हैं
इन दिनों कहां हैं अल्ताफ राजा?
अल्ताफ राजा (Altafa Raja) के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वो इंडस्ट्री से दूर हैं. हालांकि ऐसा नहीं हैं उन्होंने खुद अपने एक इंटरव्यू में इस बात का ज़िक्र किया था की वो अब भी इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और वो हमेशा गाने गाते रहते हैं.
गौरतलब है कि साल 2021 में एमएक्स प्लेयर (MX Player) पर आई वेब सीरीज़ ‘इंदौरी इश्क (Indori Ishq)’ में भी उन्होंने अपनी आवाज़ दी थी. वहीं अभी हाल ही में गुजराती फिल्म ‘सोनू तने मारा पर भरोसा नै के (Sonu Tane Mara Par Bharoso nai ke) में भी उन्होंने इसी नाम से कव्वाली सॉन्ग गाया है जो गुजराती भाषा में पहला कव्वाली गाना है.