नई दिल्ली: ट्रेजडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार के अभिनय का लोहा पूरा बॉलीवुड मानता है. दिलीप कुमार हिंदी सिनेमा की शान है. उनकी फिल्मों को देखकर आज भी लोग एक्टिंग सीखते हैं. दिलीप कुमार बेहद संजीदा एक्टर है जो किरदार में डूब कर अभिनय करते हैं, यही आदत उनके लिए एक बार मुसीबत बन गई और उन्हें एक बीमारी हो गई. यह बीमारी उन पर धीरे धीरे हावी होने लगी.


कहते हैं कि दिलीप कुमार जब कोई अभिनय करते तो उस करेक्टर को पूरी तरह जीने लगते. सुबह-शाम यहां तक की रात में भी वे उसी करेक्टर रहते. फिल्म कोहिनूर में एक गाने में उन्हें सितार बजाने के लिए कहा जाता है, इस सीन को जीवंत बनाने के लिए दिलीप कुमार ने सितार बजाना सीखना शुरू कर दिया. सितारे बजाने से उनकी उंगुलियां घायल हो गईं. दिलीप कुमार से जुड़े ऐसे अनगिनत किस्से हैं. शुरूआत में उन्होनें ऐसे रोल चुने जिसमें में वे उदास नजर आए. दुख भरे किरदारों को निभाते निभाते दिलीप कुमार खुद में गुमसुम रहने लगे. उनके नजदीकी लोग भी परेशान हो गए. डाक्टर को जब दिखाया गया तो डाक्टर ने बताया कि उन्हें डिप्रेशन की बीमारी हो गई है.


जब यह बात शोमैन राजकपूर को पता चली तो वे सीधे दिलीप कुमार से मिलने पहुंचे और उन्हें विदेश में जाकर इस बीमारी का इलाज कराने की सलाह दी. पहले तो दिलीप कुमार इस बात को टालते रहे लेकिन जब राजकपूर ने दबाव बनाया तो वे राजी हो गए. विदेश में इलाज के दौरान डाक्टर ने उन्हें हिदायत दी कि अगर ठीक होना है तो ट्रेजडी वाली भूमिका से बचना होगा.


इसके बाद दिलीप कुमार ने हास्य भूमिका वाली फिल्मों में अभिनय शुरू किया. गंगा जमुना, राम और श्याम, बैराग और गोपी जैसी फिल्में की जो सभी सुपर हिट साबित हुईं. इसके बाद दिलीप कुमार को संपूर्ण अभिनेता कहा जाने लगा. चुनौती पूर्ण किरदार में भी दिलीप कुमार जान डाल देते हैं इसीलिए उन्हें महान कलाकार कहा जाता है.