पहली बार 'चाणक्य' को दूरदर्शन ने कर दिया था रिजेक्ट, जानें कैसे बन पाई थी ये महान सीरीज
लॉकडाउन में दर्शक एक बार फिर पुरानी यादों को वापस से जी रहे हैं और उन शो को देख रहे जिनमें- रामायण, महाभारत, बुनियाद और चाणक्य जैसे शो शामिल हैं.
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में पूरे देश के अंदर लॉकडाउन लागू कर दिया गया है. इस दौरान दूरदर्शन पर पुराने सीरियल्स को फिर से दिखाया जा रहा है. दूरदर्शन लगातार उन शो को वापस ला रहा है, जिन्होंने टीआरपी के मामले में इतिहास रचा है. क्योंकि टीवी पर नए शो नहीं आ रहे हैं, दर्शक एक बार फिर पुरानी यादों को वापस से जी रहे हैं और इन शो को देख रहे हैं. रामायण, महाभारत, बुनियाद और द जंगल बुक जैसे कई शो के बाद चाणक्य को भी दूरदर्शन पर दिखाया जा रहा है. डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी द्वारा निर्देशित यह शो 1991 और 1992 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया था.
शो में डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने शो में 'चाणक्य' की भूमिका निभाई है. अर्थशास्त्र और कूटनीति के महान जानकार चाणक्य की नीतियों और शिक्षाओं पर आधारित इस शो को काफी पसंद किया गया था, लेकिन क्या आपको मालूम है कि दूरदर्शन ने पहली नजर में इस शो को खारिज कर दिया था. एक मीडिया रिपोर्टर से बातचीत में, चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने उस समय को याद करके पुरानी परतें खोलीं.
रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "मैं इस विचार को 1980 में उनके पास ले गया था, लेकिन जब मैंने उन्हें इस प्रोजेक्ट के बारे में बताई, तो उनका जवाब था कि यह शो चैनल की कार्य योजना में फिट नहीं है, लेकिन उन्हें मेरा लेखन कौशल पसंद है."
उन्होंने आगे कहा, "मैं इससे हैरान था क्योंकि वह टीपू-सुल्तान जैसे शो को प्रसारित कर रहे थे. फिर चाणक्य जैसे शो में क्या समस्या हो सकती है. मैंने उनके इनकार को स्वीकार नहीं किया और इसके बारे में बहुत शोध किया."
अपने इंटरव्यू में श्री द्विवेदी ने बताया कि वह बहुत लंबे समय से उन्हें 20 पन्नों का पत्र लिख रहे थे. उनके मजबूत तथ्यों को ध्यान में रखते हुए शो को अंततः चैनल ने स्वीकार कर लिया और इसे लाने का निर्णय लिया गया. बहुत सारे लोग चाणक्य पर एक शो बनाना चाहते थे और चैनल को अपना प्रस्ताव भेज रहे थे. मैं एक न्यूकमर था लेकिन इसके बावजूद 1986-1987 में मेरा प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया और 1988 में मैंने अपना पहला पायलट शॉट बनाया."
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