राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मराठी फिल्म कोर्ट में नारायण कांबले की अहम भूमिका निभाने अभिनेता वीरा साथीदार का कोरोना के संक्रमण से नागपुर के एम्स अस्पताल में सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात निधन हो गया. वीरा साथीदार को कोरोना पॉजिटिव होने के चलते पिछले हफ्ते अस्पताल में दाखिल कराया गया था.
'कोर्ट' फिल्म के निर्देशक चैतन्य ताम्हाणे ने एबीपी न्यूज़ से फोन पर बात करते हुए कहा, "मुझे कोरोना से उनकी मौत की खबर कुछ ही देर पहले मिली है. यह खबर सुनने के बाद मैं स्तब्ध हूं और मेरे लिए इसपर यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो रहा है. साथीदार जी एक बेहद अच्छे इंसान थे और मैं खुद को खुशकिस्मत समझता हूं कि मुझे 'कोर्ट में उनके साथ काम करने का अवसर मिला."
नारायण कांबले की पहचान एक अभिनेता के अलावा एक लेखक, कवि, विचारक, सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार के तौर पर भी थी. उनका बचपन बेहद कठिनाइयों में गुजरा. मूल रूप से वर्धा जिला से ताल्लुक रखनेवाले वीरा साथीदार का बचपन नागपुर के जोगीनगर झोपट्टी में गुजरा. उनके पिता एक कुली के तौर पर काम किया करते थे तो मां तरह-तरह की मजदूरी किया करती थीं.
वीरा साथीदार. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की विचारधारा से बेहद प्रभावित थे. ऐसे में उन्होंने दलितों और पिछड़े वर्ग के उत्थान और उनकी चेतना को जगाने के लिए कई गीत लिखे और गाये भी. वीरा साथीदार ने दलित चेतना से संबंधित पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया.
उल्लेखनीय है कि 2015 में रिलीज हुई फिल्म 'कोर्ट' को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे जाने के अलावा विदेशी भाषा की फिल्म श्रेणी में भारत की ओर से ऑस्कर के नामांकन के लिए भी भेजा गया था.
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