Dev Anand Death Anniversary: जब देव साहब ने Amitabh Bachchan के खिलाफ की नारेबाजी, जानें किस्सा
Dev Anand Death Anniversary: ये बात है 80 के दशक की है जब अचानक सरकार ने फिल्मों पर लगने वाले टैक्स में इजाफा करने का फैसला किया. इसी वक्त अमिताभ बच्चन से नाराज हो गए थे देव आनंद...
Dev Anand Death Anniversary: बॉलीवुड में कई एक्टर आए और गए लेकिन कोई भी लीजेंड देव आनंद(Dev Anand) जैसा नहीं आया. उन्होंने 6 दशकों तक लोगों के दिलों पर राज किया था. कहना गलत नहीं होगा कि देव आनंद जैसी एक्टिंग और डायलॉग डिलीवरी देने वाले एक्टर ने अभी तक इंडस्ट्री में एंट्री नहीं ली. खैर 3 दिसंबर 2011 को इस दुनिया अलविदा कह चुके देव साहब को 10 साल हो जाएंगे, लेकिन उनकी यादें लोगों के जहन में दशकों तक रहेंगी. तो चलिए इसी मौके पर उनसे जुड़ा एक ऐसा किस्सा जानते है जब एक दौर ऐसा आया कि उनके और बॉलीवुड के शहंशाह यानी अमिताभ बच्चन के बीच दरार आ पैदा हो गई. वो भी ऐसी दरार कि खुद देव साहब बिग बी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे थे.
जब देवानंद ने अमिताभ के खिलाफ की थी नारेबाजी
ये बात है 80 के दशक की है जब अचानक सरकार ने फिल्मों पर लगने वाले टैक्स में इजाफा करने का फैसला किया. इससे फिल्म इंडस्ट्री में कई सारे एसोसिएशन धरना देने लगे. राजेश खन्ना के ऑफिस को सेंटर बनाया गया था. इस दौरान अमिताभ बच्चन और सुनील दत्त सांसद हुआ करते थे. 1886 में शुरू हुई ये स्ट्राइक काफी पॉपुलर हो गई थी, जिसके बाद सरकार को बातचीत के लिए कदम उठाना पड़ा. उस वक्त अमिताभ बच्चन और सुनील दत्त ने सरकार से मीटिंग की. हालांकि मीटिंग का कुछ खास नतीजा नहीं निकला, उन्होंने आकर एसोसिएशन को बताया कि टैक्स में 5 परसेंट की छूट दी जाएगी. जो कि अगले बजट तक कम होगा. इससे लोगों में गुस्सा फैल गया. लोग सुनील दत्त और अमिताभ बच्चन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. देव आनंद इसमें सबसे आगे थे उन्होंने आरोप लगाया कि अमिताभ बच्चन ने स्ट्राइक को खराब करने की कोशिश की. देव साहब के साथ मौजूद लोग भी अमिताभ बच्चन के साथ धक्का मुक्की करने लगे. काफी मशक्कत के बाद अमिताभ बच्चन को वहां से निकाला गया. हालांकि स्ट्राइक का ज्यादा कोई बड़ा नतीजा नहीं निकला और जल्द ही वो खत्म हो गई. लेकिन ये किस्सा आज तक मशहूर हैं.
लंदन में ली थीं आखिरी सांसें
बता दें पंजाब के गुरदासपुर जिले में जन्मे इस कलाकार का 6 दशक लंबा करियर रहा. उन्होंने गाइड, टैक्सी ड्राइवर, ज्वेल थीफ और सीआईडी जैसी फिल्मों में काम किया. देव आनंद को 2002 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 1975 के कुख्यात राष्ट्रीय आपातकाल के वक्त उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ फिल्मी हस्तियों के एक ग्रुप का नेतृत्व किया था. इस एक्टर-डायरेक्टर-निर्माता ने अंतिम समय तक काम किया. उनकी आखिरी फिल्म चार्जशीट 2011 में उनके निधन से कुछ महीने पहले रिलीज हुई थी, वो अपनी हिट फिल्म हरे राम हरे कृष्णा के नेक्स्ट सिक्वल की भी तैयारी कर रहे थे लेकिन लंदन में कार्डियक अरेस्ट के चलते उनका निधन हो गया.