धर्मेश येलांदे, एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का आज एक जाना पहचाना नाम हैं. एक शानदार कोरियोग्राफर, उम्दा एक्टर के तौर पर अपनी पहचान कायम कर चुके धर्मेश के लिए मायानगरी में इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था. धर्मेश ने अपने दम पर फिल्म इंडस्ट्री में नाम, शोहरत और दौलत हासिल की है और ये जर्नी रोचक होने के साथ-साथ खासी मुश्किल भी रही है. एबीसीडी, एबीसीडी-2 और स्ट्रीट डांसर थ्री डी जैसी फिल्मों में अहम किरदार निभा चुके धर्मेश ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के साथ बातचीत में अपनी जिंदगी के कई अनछुए पहलुओं पर बात की.


मुश्किलों से भरा था धर्मेश का बचपन


धर्मेश का बचपन खासा मुश्किलों भरा रहा है. धर्मेश ने इस बातचीत के दौरान बताया कि 19 साल की उम्र में उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी और एक चपरासी की नौकरी करना शुरू कर दी थी. इसके अलावा वो बच्चों को डांस भी सिखाते थे. धर्मेश की जिंदगी में तब भूचाल आ गया जब उनके पिता की दुकान को म्यूनिसपैलिटी ने ध्वस्त कर दिया था. इसके बाद धर्मेश के पिता को घर चलाने के लिए चाय की दुकान शुरू की. वो दिनभर में पचास से साठ रुपये कमा पाते थे जिसमें चार लोगों के परिवार को पालना बेहद मुश्किल काम था.


19 साल की उम्र में छोड़ दी थी पढ़ाई


इसके अलावा धर्मेश ने अपने शुरुआती दौर के बारे में बात करते हुए कहा कि मैंने 19 की उम्र में पढ़ाई छोड़ दी थी. इसके बाद मैंने एक चपरासी के तौर पर काम शुरू किया और बच्चों को डांस भी सिखाने लगा. मैं महीने में 1600 रुपये कमा लेता था. फिर मैंने डांस करियर पर ध्यान देना शुरू कर दिया. इसके बाद मैंने नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह डांस पर फोकस किया. इसी बीच मुझे एक फिल्म में बैक अप डांसर के तौर पर काम मिला, जिसके बाद मैं जान गया था कि यही वो जगह है जहां मुझे होना चाहिए. इसके बाद मैंने कभी पीछे मुडकर नहीं देखा.


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