दिलीप जोशी का मानना है कि Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah हुआ फैक्ट्री की तरह, जानिए क्यों
'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' आज 13वें साल में कदम रख चुका है. 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' लोगों की जिंदगी में हंसी और सकारात्मकता का एक डोज बन चुका है.
टीवी कॉमेडी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' कई सालों से लगातार दर्शकों का मनोरंजन कर रहा है. ये शो अब अपने 13वें साल में कदम रख चुका है. 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' लोगों की लाइफ में हंसी का एक डोज बन चुका है. लेकिन दिलीप जोशी की इस शो को लेकर एक अलग प्रतिक्रिया आ रही है.
दिलीप जोशी का मानना है कि जब आप क्वांटिटी देखते हैं तो कहीं न कहीं क्वालिटी सफर होती ही है. पहले हम वीकली करते थे और राइटर्स के पास बहुत टाइम होता था. चार एपिसोड लिखे, दूसरे चार एपिसोड अगले महीने करना है. अभी ये करीब-करीब फैक्ट्री हो गया है. हर दिन राइटर्स को नया सब्जेक्ट चाहिए. आखिर वे भी तो इंसान हैं. वहीं वो आगे कहते है कि, मैं इस बात से सहमत हूं कि जब आप लंबे समय के लिए डेली शो करते हैं तो सभी एपिसोड एक ही स्तर के नहीं हो सकते. जहां तक कॉमेडी का संबंध है तो मुझे लगता है कि कुछ एपिसोड उस स्तर के नहीं रहे.
आपको बता दें, 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' 28 जुलाई, साल 2008 से शुरू हुआ था. तब से अब तक शो 3000 एपिसोड टेलीकास्ट कर चुका है और ये दुनिया का सबसे लंबे समय तक चलने वाला पारिवारिक शो भी बन चुका है. हाल ही में पिछले दिनों शो की स्टारकास्ट और प्रोड्यूसर असित मोदी डांस रियलिटी शो 'इंडियाज बेस्ट डांसर' में पहुंचे थे. इस दौरान जब कंटेस्टेंट रुतुजा जुन्नारकर ने दया भाभी के किरदार में परफॉर्मेंस दी तो वे एकदम असल दया भाभी की तरह लग रही थीं.