आखिरी समय में भी कोई न दे पाया इस एक्ट्रेस का साथ, काटी अकेलेपन में पूरी जिंदगी...
साधना बचपन से ही एक्टिंग करना चाहती थी. तो उनके पिता ने फिल्म इंडस्ट्री में उनके लिए कोशिश की और वो 1955 की फिल्म श्री 420 के एक गाने में नजर आई. गाने का नाम था, इचक दाना बिचक दाना.
![आखिरी समय में भी कोई न दे पाया इस एक्ट्रेस का साथ, काटी अकेलेपन में पूरी जिंदगी... Even in the last time no one was able to support actress sadhna the whole life in lonely life आखिरी समय में भी कोई न दे पाया इस एक्ट्रेस का साथ, काटी अकेलेपन में पूरी जिंदगी...](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2015/12/25125452/sadhna.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
बॉलीवुड की वो खूबसूरत एक्ट्रेस साधना जिनकी जिंदगी की शुरुआत तो बहुत हसीन थी लेकिन उनके जीवन का अंत काफी दर्दनाक रहा था. उनकी लाइफ एक महकते और खिलखिलाते हुए फूल की तरह शुरू हुई लेकिन अंजाम जिंदगी का बहुत बुरा हुआ. सिर्फ 15 साल की उम्र में उन्होने कॉलेज के ड्रामा में हिस्सा लेना शुरू किया. इनका टैलेंट ज्यादा दिन तक नहीं छिपा. एक प्रोड्यूसर की नजर इन पर पड़ी और इन्हें एक रुपये का टोकन अमाउंट देकर एक सिंधी फिल्म अबाना के लिए साइन किया गया और यहां पर किस्मत ने एक अलग ही खेल खेला.
फिल्म वो कौन थी को भला कौन भूल सकता है. उस फिल्म के सारे गाने हिट हुए. साधना ने मल्टीस्टारर फिल्म वक्त में भी साथ काम किया था. इसी बीच इन्हे थाइरॉइड हो गया और वो इलाज करवाने अमेरिका चलीं गईं. सबको लगा कि अब साधना कभी लौट कर नहीं आएंगी. उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया है, लेकिन वो वापस आईं और वापस आ कर उन्होने इंतकाम लिया... यानि फिल्म इंतकाम में काम किया. ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई. इसके बाद साधना फिल्मों से धीरे-धीरे दूर हो गई.
साधना का दिल अपनी ही फिल्मों के डायरेक्टर आर के नैयर पर आ गया था और बाद में साधना ने नैयर से ही शादी की. साधना और आर के नैयर की कैमिस्ट्री लाजवाब थी. साधना 30 सालों तक आर के नैयर के साथ रहीं. लेकिन अफसोस की बात तो ये है कि 1995 में आर के नैयर ये दुनिया छोडकर चले गए और साधना बिल्कुल अकेली रह गई. अकेली इसलिए क्योंकि उनकी कोई संतान नहीं थी. साधना जिस घर में रहती थीं उस पर मुकदमा चल रहा था. साथ ही वह बहुत बीमार भी रहने लगी थीं. इस बात ने उन्हें अंदर तक तोड़ दिया था. फिल्मी गुलशन का एक महकता हुआ फुल, खिलखलाता हुआ फुल मुरझा गया. लेकिन अंतिम समय में कोई साथ न दे पाया और इंडस्ट्री से केवल कुछ ही लोग उन्हें अलविदा कहने पहुंचे थे.
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