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स्मोकिंग की लत के कारण 'रामायण' में राम के रोल के लिए रिजेक्ट कर दिए थे Arun Govil, फिर ऐसे बनी बात
एक दौर ऐसा था कि अरुण जहां भी जाते तो लोग उन्हें भगवान राम समझकर उनके पैर छूने लग जाते थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अरुण गोविल को इस किरदार के लिए रिजेक्ट कर दिया गया था.
रामानंद सागर के पौराणिक सीरियल रामायण में राम का किरदार निभाकर घर-घर फेमस हुए अरुण गोविल किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. 12 जनवरी, 1958 को जन्में अरुण 62 साल के हो जाएंगे. उन्होंने राम के किरदार को इतने बेहतरीन तरीके से निभाया कि दर्शकों के मन में राम के रूप में केवल उनकी ही छवि बस गई. एक दौर ऐसा था कि अरुण जहां भी जाते तो लोग उन्हें भगवान राम समझकर उनके पैर छूने लग जाते थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अरुण गोविल को इस किरदार के लिए रिजेक्ट कर दिया गया था.
जी हां, राम की भूमिका के लिए अरुण गोविल रिजेक्ट कर दिए गए थे लेकिन एक वजह से वह इस रोल को पाने में कामयाब हो गए थे और वो भी उनकी मुस्कराहट. जी हां, एक इंटरव्यू में अरुण ने खुद इस बात का खुलासा किया था.उन्होंने बताया था कि ऑडिशन में रिजेक्ट होने के बाद सूरज बडजात्या ने उन्हें आइडिया दिया था कि वह अपनी स्माइल का यूज करें.
लुक टेस्ट के दौरान अरुण ने ऐसा ही किया और बात बन गई. उनकी मनमोहक मुस्कान रामानंद सागर को भा गई और वह उन्हें राम के रोल में कास्ट करने को तैयार हो गए.वैसे, अरुण को रामानंद इस किरदार में कास्ट क्यों नहीं करना चाहते थे, इसकी भी एक दिलचस्प वजह है.
दरअसल, अरुण को स्मोकिंग की लत थी जब रामानंद सागर ने उनकी ये आदत नोटिस की तो उन्हें लगा कि ऐसी आदतों वाले इंसान को वो राम कैसे बना सकते हैं इसलिए उन्होंने अरुण को रिजेक्ट कर दिया था. फिर अरुण गोविल ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वो स्मोकिंग छोड़ देंगे. उन्होंने ऐसा ही किया, किरदार में वह इतने डूब गए कि उन्होंने फिर सिगरेट को हाथ नहीं लगाया.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
Opinion