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Dilip Kumar का बेस्ट फ्रेंड था यह कॉमेडियन; आज भी मशहूर हैं इनकी मूंछों पर कहा गया डायलॉग
मुकरी के फिल्मों में आने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. दरअसल, मुकरी और लेजेंड्री अभिनेता दिलीप कुमार एक साथ एक ही क्लास में पढ़ते थे. साथ ही दोनों को ही बचपन से एक्टिंग का शौक भी था.
बात आज 40 के दशक के सबसे मशहूर कॉमेडियन मुकरी(Mukri) की, जिन्होंने 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था. मुकरी पर लिखा गया एक डायलॉग, ‘मूंछें हों तो नत्थू लाल जैसी हों’ आज भी लोगों के बीच फेमस है. मुकरी का असली नाम मोहम्मद उमर मुकरी था और उनका जन्म 5 जनवरी 1922 को महाराष्ट्र में हुआ था.
मुकरी के फ़िल्मी नाम ‘नत्थूलाल’ और ‘तैयबअली’ लोगों के बीच ज्यादा पॉपुलर हैं. मुकरी के फिल्मों में आने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. दरअसल, मुकरी और लेजेंड्री अभिनेता दिलीप कुमार एक साथ एक ही क्लास में पढ़ते थे. साथ ही दोनों को ही बचपन से एक्टिंग का शौक भी था.
कुछ समय बाद स्ट्रगल के दौरान दिलीप कुमार की मुलाकात देविका रानी से हुई. कहते हैं कि दिलीप साहब को देखते ही देविका रानी उनसे इतना इम्प्रेस हुईं कि उन्हें फिल्म ‘ज्वारभाटा’ से लॉन्च कर दिया, यह फिल्म 1944 में रिलीज हुई थी. इसके ठीक एक साल बाद दिलीप कुमार की सिफारिश पर 1945 में आई फिल्म ‘प्रतिमा’ में देविका रानी ने मुकरी को रोल ऑफर किया था.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसके बाद दिलीप साहब की लगभग हर फिल्म में मुकरी का रोल फिक्स रहता था. मुकरी ने अपने दौर के सभी बड़े हीरो के साथ काम किया था. हालांकि, सन 1994 में उन्होंने अपने बीवी की गिरती सेहत को देखते हुए बॉलीवुड से दूरी बना ली थी और पूरी तरह से बीवी के सेवा में लग गए थे. आपको बता दें कि 4 सितंबर 2000 को हार्ट अटैक से मुकरी की मृत्यु हो गई थी.
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विनोद बंसलवीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता
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