मशहूर सिंगर अल्ताफ राजा (Altaf Raja) जिनका गाना 'तुम तो ठहरे परदेसी' आज भी दर्शकों को याद है. वैसे कम ही लोगों को पता है कि अल्ताफ के सिंगर बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प है. दरअसल, अल्ताफ राजा के माता-पिता दोनों ही क़व्वाली सिंगर थे. उनके घर पर अक्सर संगीतकारों, शायरों का आना-जाना लगा रहता था. हालांकि, घर में संगीत का माहौल होने के बाद भी उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो एक सिंगर बनेंगे. लेकिन एक गाने ने उनकी पूरी जिंदगी बदल कर रख दी.



अल्ताफ राजा ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि- '16-17 साल की उम्र थी. एक दिन अपने दोस्तों के साथ मैं आवारागर्दी करके घर पहुंचा तो टीवी पर एक गाना चल रहा था. फिरोज़ खान और नरगिस का वो गाना था 'रात और दिन' फिल्म का 'दिल की गिरह खोल दो, चुप न बैठो कोई गीत गाओ.' मैं वहीं खड़ा रहा और उस गाने को सुनता रहा. इस गाने का मुझपर इतना गहरा असर हुआ कि मैंने सोच लिया कि अब तो संगीत में ही कुछ करना है'. बस यही वो पल था जिसके बाद से अलताफ राजा की जिंदगी बदल गई.



फिर साल 1990 में अल्ताफ राजा ने क़व्वाली के स्टेज शो करने शुरू किए. लेकिन उन्हें सिर्फ क़व्वाली सिंगर ही बने नहीं रहना था इसीलिए अल्ताफ ने 1993 में 'वीनस' (Venus) के लिए ऑडिशन दिया. हालांकि, उस ऑडिशन में उनका चयन नहीं हुआ. लेकिन अलताफ ने हार नहीं मानी और 4 महीने बाद फिर से उन्होंने वीनस में ऑडिशन दिया और उनका सेलेक्शन हो गया. साल 1993 में 'जीटीवी' (ZeeTV) लॉन्च हुआ और एक शो जिसका नाम था 'जंग-ए-क़व्वाली', जिसके लिए अल्ताफ राजा को चुना गया. उस मंच पर अलताफ ने 'तुम तो ठहरे परदेसी गाया', जिससे वो खूब मशहूर हुए. कई सालों तक ये गाना टॉप पर रहा.


आपको बता दें कि इंडिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली सोलो एलबम अलताफ राजा की 'तुम तो ठहरे परदेसी' ही है. अल्ताफ के इस म्यूजिक एलबम ने 'गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' (Guinness World Records) में अपना नाम दर्ज करवाया है.


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