फिल्म आशिकी साल 1990 में रिलीज हुई थी. ये एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी जिसे दर्शकों ने बेहद प्यार दिया. इस सुपरहिट फिल्म को महेश भट्ट ने डायरेक्ट किया था. इस फिल्म के इतना सफल होने में सबसे बड़ा हाथ रहा इसके संगीत का, जिसे आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं.
इस रोमांटिक फिल्म में राहुल रॉय और अनु अग्रवाल ने लीड रोल निभाया था और नदीम-श्रवण ने इस फिल्म को अपना संगीत दिया था. इसके अलावा उदित नारायण, कुमार सानू, अनुराधा पौडवाल, और नितिन मुकेश ने नदीम-श्रवण के संगीत को अपनी आवाज़ से सजाया था. इन सब कलाकारों के अलावा गीत को लिखने वाले समीर का नाम यहां लेना बहुत जरूरी था जिनकी कलम ने इन खूबसूरत गीतों लिखा.
बेस्ट सान्ग फिल्मफेयर अवार्ड मिला था "नज़र के सामने जिगर के पास कोई रहता है" गाने को
फिल्म का सबसे सुपरहिट गाने "नज़र के सामने जिगर के पास कोई रहता है" को 1991 में बेस्ट सान्ग का फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया था. इस गाने के बोल बखूबी प्रेमियों पर आधारित हैं और उनके रिश्ते को मजबूती से बनाये रखने का साहस देते हैं. वहीं, इस गाने के कुछ शब्दों में दर्द भी छिपा है. एक लाइन कहती है, "तन्हा-तन्हा लौटा हूं मैं तो भरी महफ़िल से, मरना जाऊं कहीं होके तुमसे जुदा" शब्द साफतौर पर रिश्ते की गहराई को बताते हैं. अपने साथी से दूरी ना झेल पाने की ये तकलीफ बताते हैं.
गीत के लेखक ने अपनी मोहब्बत के नाम लिखा था ये गाना
आपको बता दें, इस गाने के रिलीज होने के बाद जिस रफ्तार से ये सुपरहिट हुआ था वो देखना वाकई गीत लिखने वाले समीर के लिए किसी आशर्च से कम नहीं था. बताया जाता है कि, इस गाने को लिखने वाले समीर ने अपनी मोहब्बत के नाम लिखा था. बहुत कम लोग जानते हैं पर समीर अपनी मोहब्बत को याद कर, अपने रिश्ते को याद कर गीतों को लिखा करते थे. गीत "नजर के सामने जिगर के पास" भी उन्हीं गीतों में से एक है.
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