सुशांत केस में लगातार सीबीआई की टीम एक्शन में है, आज भी सुशांत के दोस्त सिद्धार्थ पिठानी से पूछताछ हो रही है, सीबीआई के एक्शन पर एबीपी न्यूज की लगातार नजर है, अब इस केस में एबीपी न्यूज़ की तरफ से एक और खुलासा किया गया है. एबीपी न्यूज के पास सुशांत के घर काम करने वाले नीरज सिंह का तीन पन्ने का वो पूरा बयान है जिसमें उसने सबकुछ बताया है. नीरज ने बताया है कि सुशांत, रिया का रिश्ता कैसा था, सुशांत ने घर क्यों बदला था, जिस दिन सुशांत की मौत हुई उस दिन क्या हुआ था, सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आप सबसे पहले जांच एजेंसियों को दिया नीरज का ये पूरा बयान जानें...


पढ़ें नीरज सिंह का पूरा बयान


मैंने अप्रैल 2019 में सुशांत सिंह राजपूत सर के घर पर हाउसकीपिंग का काम करना शुरू किया. मुझे मेरे एक परिचित के माध्यम से सुशांत सिंह राजपूत के घर पर काम मिला था. लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के कारण मैंने 2 दिनों के बाद नौकरी छोड़ दी. फिर मई 2019 में सुशांत सर के मैनेजर ने मुझे फोन किया और मुझे काम पर वापस बुला लिया. जब मैंने दोबारा काम करना शुरू किया, तब रजत, सिद्धार्थ, आयुष, मिरांडा, आनंदी, सैमुअल, केशव उनके यहां काम पर थे. जब मैंने काम करना शुरू किया, तब सुशांत सर कैप्री हाइट्स में रहते थे और फिर दिसंबर 2019 में माउंट ब्लैंक में रहने आ गए थे.


कैप्री हाइट्स में रहते हुए जब सर कसरत के लिए बाहर जाते थे तब मैं उनके कमरे को साफ करता था. सुशांत सर का कमरा कभी अंदर से लॉक नहीं रहता था. जब भी वो मुंबई के बाहर जाते तो अपने बेडरूम की चाबी रसोई में रख जाते. ताकि हम उनके कमरे की साफ सफाई कर सकें. लेकिन जब वह माउंट ब्लैंक में शिफ्ट हुए तो सुशांत सर का कमरा कपड़े बदलते समय या जब वहां रिया मैम रहती तभी बंद हुआ करता था वरना कमरा सभी के लिए अक्सर खुला रहता था.


जब हम कैप्री हाइट्स में रह रहे थे, सर ने हमें एक वॉकी-टॉकी दिया था और हमसे जो कुछ भी चाहते थे वो वॉकी-टॉकी पर मांग लेते थे. एक रात जब मैं और रवि सो रहे थे तब वॉकी-टॉकी पर सुशांत सर की आवाज आई ‘नीरज लाइट बंद करो.’ मैं ऊपर गया तो देखा कि सुशांत सर सो रहे थे और कमरे की लाइट भी बंद थी. मैं फिर से नीचे आया. थोड़ी देर बाद वही संदेश वॉकी-टॉकी पर वापस सुनाई दिया. मैं फिर से ऊपर गया और देखा लेकिन सर सो रहे थे और लाइट भी बंद थी. मैं डर गया था और मैं उस रात सो नहीं सका. उस घर ऐसी घटनाएं अक्सर होती थी. ड्रमों का अपने आप बजना, लिफ्ट उपर-नीचे होना, कमरे की लाइट अपने आप बंद होना. इन्हीं घटनाओं की वजह से सुशांत सर कैप्री हाइट्स को छोड़ वाटर स्टोन क्लब में रहने लगे थे.


जब मैंने काम करना शुरू किया तो सुशांत सर छिछोरे फिल्म की शूटिंग और प्रमोशन में व्यस्त थे, मेरी मदद के लिए सर ने किशन को काम पर रखा था, किशन काम में मेरी मदद करता था. सुशांत सर हमसे ज्यादा बात नहीं कर रहे थे क्योंकि वो व्यस्त थे. मैं उन्हें खाना और दूसरी चीजें देने का काम करता था. सर हमसे निजी बातें नहीं करते थे, कुछ काम हो तभी वो हमसे बात करते थे.


सुशांत सर, सिद्धार्थ, आनंदी, रिया, आयुष के साथ एक सप्ताह में एकाध बार पार्टी करते. सुशांत सर अक्टूबर 2019 में रिया मैम के साथ यूरोप गए थे. जब वापस आए तो वो रिया मैम के साथ उनके घर पर ही रह रहे थे. सर ने वहां दीवाली मनाई और दस-पंद्रह दिनों के बाद कैप्री हाइट्स आए लेकिन उस समय सर बेहद कमजोर दिख रहे थे. सर उसी समय एक नए घर की तलाश में थे. उसके बाद मैं और दो अन्य लोग सर के पावना स्थित फार्म हाउस में रह रहे थे और सर रिया मैम के साथ रह रहे थे. इस बीच मिरांडा ने मुझे बताया कि सर को अस्पताल में भर्ती किया गया है. फिर करीब डेढ़ महीने बाद दिसंबर 2019 में सर ने मुझे उस घर को साफ करने के लिए बुलाया था, सर ने तभी माउंट ब्लैंक का घर किराए पर लिया था. जब मैं उनसे मिला तो वो बहुत बीमार और थके हुए थे. जब मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि वो ठीक नहीं थे और उनका इलाज चल रहा था. उसके बाद हम सभी लोग माउंट ब्लैंक में रहने चले गए और सर अधिक समय घर पर ही बिताने लगे. दोपहर के 12 बजे सर द ताज लैंड्स में जिम जाते.


लॉकडाउन में रिया मैम सुशांत सर के साथ रहने के लिए घर आईं. वो लगातार सर के साथ थीं, सिर्फ एक या दो दिन के लिए अपने माता-पिता के पास गई थीं और उनके माता-पिता एक या दो दिन के लिए माउंट ब्लैंक रहने आए थे. सुशांत सर और रिया मैम रोज सुबह ब्लैक कॉफी पीते थे और बातें करते थे. रिया मैम और सुशांत सर सुबह छत पर एक्सरसाइज करते थे. कभी-कभी लंच के बाद सुशांत सर मुझे छत पर संगीत और योग के उपकरण लगाने के लिए कहते थे और केशव को डिनर के लिए कहा जाता था.


8 जून को केशव और मैं खाना तैयार कर रहे थे और हम रिया मैम और सुशांत सर को खाने के लिए बुलाने वाले थे, तब रिया मैम ने मुझे बुलाया और उनके बैग में कपड़े रखने के लिए कहा, उस समय रिया मैम थोड़ा गुस्से में थी. रिया मैम ने बचा हुआ सामान वापस आकर लेने की बात कही. उस समय रिया मैम अपने भाई शोविक के साथ बिना भोजन किए चली गईं. उस समय सुशांत सर अपने कमरे में ही बैठे थे, रिया मैम के चले जाने के बाद सुशांत सर की बहन मीतू सिंह आई और 12 जून को उन्होंने मुझसे कहा कि जब तक वो आए तब तक मैं सुशांत की देखभाल करूं. दीदी के चले जाने के बाद सुशांत सर उस शाम को छत पर बैठे और मुझे कमरे की सफाई करने के लिए कहा.


13 जून को सुशांत सर सुबह 7 बजे उठे तब मैं हमेशा की तरह कुत्तों को वॉक कराने गया था और 9 बजे वापस आया. सुशांत सर अपने कमरे में बैठे थे, मैं कमरा साफ करने के लिए गया तो उन्होंने मुझे बाद में सफाई करने के लिए कहा. मैंने उस दिन दोपहर के भोजन के लिए सर को खिचड़ी देने आया था. फिर शाम को सर छत पर टहलने के लिए निकले और जब वो वापस आए तो सर ने उस रात खाना नहीं खाया, आम का रस लिया और वो सो गए.


14 जून को मैं हमेशा की तरह सुबह 6.30 बजे उठ गया और हमेशा की तरह कुत्तों को टहलाने के लिए गया. मैंने 8 बजे ऊपर के कमरे की सफाई की फिर सीढ़ियों की सफाई करते समय सुशांत सर कमरे से बाहर आए और मुझसे ठंडा पानी मांगा, सर को पानी देने के बाद सर खड़े हुए और पानी पिया. तब उन्होंने मुझसे पूछा की हॉल की सफाई बेलगाम किया और मुस्कुरा कर अंदर चले गए.


जैसा कि मैं सुबह 9.30 बजे हॉल में झाड़ू लगा रहा था, मैंने देखा कि केशव सर के लिए केला, जूस और नारियल का पानी लाया था. लेकिन जब केशव सर के कमरे से बाहर आया तो उसने मुझे बताया कि सर ने केवल जूस और नारियल पानी लिया है. फिर सुबह 10.30 बजे खाने में क्या बनाना है ये पूछने के लिए केशव सर के कमरे में गया और जब उसने दस्तक दी तो उसे पता चला कि कमरा अंदर से बंद था. जब सर ने दरवाजा खटखटाने के बाद भी नहीं खोला तो दीपेश नीचे आया और मुझे ये बताया, फिर मैं भी सर के कमरे के पास गया. सर का कमरा खुला नहीं था. सिद्धार्थ ने सर को फोन मिलाया. हमने कमरे की चाबी ढूंढनी शुरू की लेकिन हमें चाबी नहीं मिली. फिर सिद्धार्थ ने चाबी वाले को बुलाया. दोपहर के लगभग डेढ़ बजे 2 लोग आए. चाबी बनाने में समय लगा इसलिए सिद्धार्थ ने दरवाजा तोड़ने को कहा. 5 से 10 मिनट में ताला टूट गया. इसके बाद दोनों चाबीवालों को नीचे भेजा गया और दीपेश ने उन्हें दो हजार रुपये दिए. फिर वो दोनों चले गए. फिर जब दीपेश ऊपर आया तो सिद्धार्थ ने कमरा खोला तब पूरा कमरा अंधेरा था और AC चालू था. तभी दीपेश ने कमरे की बत्ती चालू कर दी. सिद्धार्थ आगे बढ़ गया और अचानक बाहर आ गया.


फिर जब दीपेश और मैं अंदर गए तो देखा कि क्या हुआ, सुशांत सर खिड़की की तरफ मुंह करके और बिस्तर के किनारे हरे कुर्ते में पंखे से लटके हुए थे. मैं घबराहट में कमरे से बाहर आया. सिद्धार्थ ने मीतू दीदी को फोन किया और उन्हें सूचित किया. तब सिद्धार्थ ने मुझे कुर्ता काटने के लिए कहा.