Geeta Dutt Death Anniversary: एक ऐसी फेमस सिंगर जिसने बाॅलीवुड को कई बेहतरीन गाने दिए, पर उनकी लाइफ में एक वक्त ऐसा भी आया कि जब वो अपने अंतिम समय पर मंच पर गई तो लोगों ने उन्हें पहचाना भी नहीं. हम बात कर रहें है गीता दत्त (Geeta Dutt) के बारे में जिनकी आज डेथ एनिवर्सरी है. कहानी है 50 के दशक की. गाना था फिल्म बाजी का तदबीर से बिगड़ी हुई तकदीर बना ले और इसे गाने आई थी 20-21 साल की गीता घोष राॅय चौधरी. इस फिल्म के डायरेक्टर थे गुरु दत्त (Guru Dutt).

 

गीता का ये गाना सुनकर गुरु उनके दीवाने हो गए. इसी के बाद दोनों की बीच में दोस्ती शुरू हुई और फिर यही दोस्ती प्यार में बदल गई. 1953 में दोनों ने शादी कर ली और गीता बन गई गीता दत्त. शादी के कुछ साल बाद ही दोनों के बीच मनमुटाव शुरू हो गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसकी बड़ी वजह थी गुरु दत्त की लाइफ में वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) की एंट्री. इसी कारण दूरी बढ़ती गई और 1957 से दोनों अलग रहने लगे. इसका असर गीता के प्रोफेशनल करियर पर भी पड़ा. इसी कारण उनके हाथ से कई बड़े प्रोजेक्ट निकल गए.



 

 

गुरु दत्त की मौत के बाद गीता पूरी तरह से टूट गई थी और शराब पीना शुरु कर दिया. आर्थिक तंगी की वजह से उन्होंने फिर से गाने की कोशिश भी की लेकिन वो कामयाब नहीं रहीं. शोज और रिकॉर्डिंग में उनके खूब शराब पीकर आने के किस्से भी सुनाई देते थे. एक इवेंट में बहुत सारे सिंगर आए थे. इसमें लता जी और मोहम्मद रफी भी शामिल थे. लता जब मंच पर आईं तो भीड़ दीवानी हो गई और उनके गानों को भरपूर तालियां मिलीं पर गीता मंच पर आईं तो दर्शकों ने उन्हें पहचाना नहीं क्योंकि गीता की लैगसी उस भीड़ को पता नहीं थी.



 

एक वक्त ऐसा भी आया जब गीता की याददाश्त पूरी तरह से चली गई और वह अपने बच्चों को भी नहीं पहचानती थीं. आखिरकार 41 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. ये भी ट्रैजेडी ही थी कि इसके दस साल बाद ही गीता के बड़े बेटे तरुण ने सुसाइड कर लिया.